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इजरायल का बीबा परिवार और हमास की वह बर्बरता, दिल दहला देने वाली कहानी

अब एक युवा मां शिरी बिबास और उनके दो नन्हें बच्चों की कहानी सामने आ रही है। यह दिल दहला देने वाली है और ऐसी है कि हर कोई सुनकर रो पड़ेगा।

Published by
सोनाली मिश्रा

7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल के आम नागरिकों पर हमला किया, बंधकों के साथ क्रूरता की, छोटे-छोटे बच्चों को भी बंधक बनाया। अब एक युवा मां शिरी बिबास और उनके दो नन्हें बच्चों की कहानी सामने आ रही है। यह दिल दहला देने वाली है और ऐसी है कि हर कोई सुनकर रो पड़ेगा।

वह तस्वीर वायरल है, जिसमें शिरी बिबास अपने दो बच्चों को गोद में लिए हुए हैं और हमास के आतंकियों से घिरी हैं। उनका अपहरण किया जा रहा है। उन्हें उनके दोनों नन्हें बच्चों के साथ अनजान स्थान पर ले जाया जा रहा है। शिरी के चेहरे पर वह दर्द देखा जा सकता है, जो उनके अनिश्चित भाग्य को लेकर था। मगर उन्हें उससे ज्यादा अपने बच्चों की चिंता रही होगी। यह पीड़ा एक मां की पीड़ा थी, उन्हें पता तक नहीं था कि उनके बच्चों के साथ दरअसल क्या हो सकता है?

मगर क्रूरता यहीं नहीं थमती है। हमास एक मनोवैज्ञानिक युद्ध भी लड़ता है। नवंबर में शिरी के कैद पति यार्डन बीबा का रोते हुए यह वीडियो हमास द्वारा जारी किया जाता है कि उनकी पत्नी शिरी और उनके दोनों बच्चों की हत्या इजरायल के हवाई हमले में हो गई है। इसके बाद जब इजरायल ने जांच की, तो यह बात झूठी पाई गई। यार्डन बीबा को अलग से कैद कर रखा था और उन्हें हाल ही में रिहा किया गया। मगर उनकी पत्नी शिरी और बच्चों के विषय में कोई भी जानकारी नहीं थी।

फिर वह सूचना आई, जिससे पूरा इजरायल ही नहीं बल्कि विश्व हिल गया। यार्डन के दोनों बच्चों की हत्या कर दी गई और शिरी सहित उन बच्चों के शव इजरायल को वापस कर दिए जाएंगे। शव वापस करते समय हमास ने नन्हें बच्चों के ताबूतों की परेड कराई और दुर्भाग्यपूर्ण था कि लोग उन नन्हें ताबूतों को देखने के लिए आए और ऐसे भी वीडियो सामने आए हैं, जिनमें छोटे बच्चे उन ताबूतों को देखकर खुश हो रहे हैं।

ये जो नन्हें बच्चों के ताबूतों पर हंसना है, यही पैशाचिकता है। oli London ने वह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जिसमें गाजा के हजारों नागरिक सड़क पर मारे हुए इजरायली नागरिकों के ताबूतों को देखकर खुश हो रहे हैं। इन मारे हुए लोगों में शिरी और उनके दो नन्हें बच्चे भी थे।

इस जघन्य घटना की निंदा ईरान के निर्वासित शाह, रज़ा पहलवी ने भी की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘हमास द्वारा बंधक बनाए हुए निर्दोष बच्चों की हत्या तथा उनके परिवारों के साथ उसके कुटिल खेल ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह – तेहरान में बैठे अपने आकाओं की तरह – शांति का साझेदार नहीं हो सकता।’

यह और भी दुर्भाग्य की बात है कि इतने दिनों तक हमास की वकालत करने वाले तमाम लोग अब इन नन्हें बच्चों की इस हत्या पर चुप हैं। तो वहीं कुछ लोग इन बच्चों और शिरी की हत्या के लिए अभी भी इजरायल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एरियल और केफिर के नन्हें शव, शवों की कड़ी में नई संख्या है, जो शताब्दियों से मजहब के नाम पर चली आ रही हिंसा का शिकार हो रहे हैं। पीड़ितों के नाम समय-समय पर अलग हो सकते हैं, मगर उन्हें मारने वाले वही होते हैं। कश्मीर में हिंदुओं और उदारवादी मुस्लिम स्वरों को किसी और नाम से मारते हैं, इजरायल में किसी और नाम से और ईराक में आईएसआईएस के नाम से, तो कांगो में किसी और नाम से! खून की नदियां लगातार बह रही हैं, मगर यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि कांगो में 70 सिर कटी लाशों से लेकर बीबा परिवार की शिरी और उनके बच्चों तक की हत्या का विमर्श खड़ा नहीं हो पाता है।

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