भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की मंजूरी के बाद हुई। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की अधिसूचना के अनुसार, दास अपनी इस जिम्मेदारी को प्रधानमंत्री के कार्यकाल की अवधि तक या अगले आदेश तक निभाएंगे।
शक्तिकांत दास का करियर
शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में मास्टर डिग्री और बर्मिंघम विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर किया है।
उन्होंने दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला और पिछले साल अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद रिटायर हुए। उनके पास वित्त, कराधान, उद्योग और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 40 से अधिक वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है। कोविड महामारी के दौरान शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होने से बचाने की पूरी कोशिश की।
आरबीआई गवर्नर के रूप में उनके कार्य को वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया। उन्हें अमेरिकी पत्रिका ग्लोबल फाइनेंस ने लगातार दो वर्षों तक दुनिया के शीर्ष तीन केंद्रीय बैंकरों में शामिल किया। ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड्स 2024 में उन्हें ‘ए+’ रेटिंग दी गई।
इसके साथ ही नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम का कार्यकाल भी 24 फरवरी 2025 से एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। सुब्रमण्यम को फरवरी 2023 में दो साल के लिए नीति आयोग का सीईओ नियुक्त किया गया था। इस प्रकार, शक्तिकांत दास को नई भूमिका में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, जिससे उनकी प्रशासनिक दक्षता और अनुभव का लाभ देश को मिलेगा।
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