देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में शुक्रवार को भू-कानून को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक पास किया गया। देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और आमजन के अधिकारों की रक्षा हेतु सख्त भू-कानून आवश्यक था। यह कानून प्रदेश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री पर रोक लगाएगा और राज्य के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखेगा।
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र में धामी सरकार ने भू कानून पास करा दिया है। उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था संशोधन विधेयक 2025 को सदन में पेश करने के महज 30 मिनट के बाद ही बिना विस्तृत चर्चा के विधेयक पास हो गया। जैसे ही स्पीकर ने विधेयक पारित करने की घोषणा की सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया। विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने विधेयक पर गहन चर्चा की मांग नहीं की। औफचारिकता के लिए बिल को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया लेकिन संख्याबल के लिहाज से प्रस्ताव खारिज हो गया। इस तरह धामी सरकार भू कानून को पास कराने में सफल रही।
सीएम धामी ने सदन में उत्तराखंड भू कानून को लेकर उत्तर प्रदेश जमींदारी विधेयक 2025 सदन के पटल पर रखा। कानून में किए गए संशोधनों के बारे में जानकारी दी। सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं, जनभावनाओं के अनुरूप उत्तराखंड के संसाधनों को भू माफिया से बचाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों के साथ ही मैदानी इलाके भी हैं, जिनकी भौगोलिक परिस्थितियां अगल अलग हैं। इसके साथ ही इन्वेस्टर्स को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इन सभी मुद्दों को समाहित करते हुए सरकार ने भू सुधार की नींव रखी है। ये एक शुरुआत है। इसके बाद इसमें आगे भी काम किया जाएगा। सीएम ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बाहरी लोगों ने जमीनें खरीदीं, जिसका उपयोग नहीं किय़ा जा रहा था। इस कानून के लागू होने के बाद ये समस्या नहीं होगी। इससे भू माफिया को पहचानने में मदद मिलेगी। सीएम धामी ने कहा प्रदेश सरकार लगातार अतिक्रमण हटाने का काम कर रही है।
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