कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार
नई दिल्ली, (हि.स.)। राऊज एवेन्यू कोर्ट दिल्ली की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 1984 के सिख विरोधी दंगे से संबद्ध सरस्वती विहार के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की सजा की अवधि पर फैसला आज सुरक्षित रख लिया है। उन्होंने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 25 फरवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया। सीबीआई और शिकायतकर्ता ने सज्जन कुमार को फांसी की सजा देने की मांग की है।
कोर्ट ने 12 फरवरी को इस मामले में सज्जन कुमार को दोषी करार दिया था। यह मामला 1 नवंबर 1984 का है। इस दिन पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की जलाकर हत्या कर दी गई थी। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे। सज्जन कुमार तब बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे।
शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाले जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।
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