देहरादून: प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी ने जन भावनाओं के अनुरूप सशक्त भू कानून बनाए जाने का बिल विधान सभा पटल पर रख दिया है, दो दिन पूर्व ही इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में सशक्त भू कानून को उत्तराखंड में लागू किए जाने का संकल्प लिया था और इसके लिए पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की हुई थी, समिति की रिपोर्ट आने के बाद उसकी समीक्षा किए जाने के बाद कैबिनेट ने उसे मंजूरी देते हुए सदन में रखा है।
भू कानून को उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों में लागू किए जाने की बात कही गई है, उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले को इससे अलग रखा गया है। हालांकि जनसांख्यिकी विशेषज्ञ मानते है कि इसे पूरे राज्य में लागू किया जाए। जनसंख्या असंतुलन की दृष्टि से ये दो मैदानी जिले सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं।
पहाड़ों में बाहरी राज्यों के नागरिकों का भूमि खरीदना अब मुश्किल हो जाएगा अलबत्ता 30 साल की लीज पर अनुमति के आधार पर वे भूमि ले सकेंगे, इससे भूमि का स्वामित्व स्थानीय मूल निवासी का रहेगा। भू कानून का मसौदा बहुत कुछ पड़ोसी पहाड़ी राज्य हिमाचल से मिलता जुलता है।
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उधर कांग्रेस ने भू कानून को लेकर अपने विचार देते हुए कहा है कि इसका अध्ययन और परीक्षण कराया जाना जरूरी है कई विषय जोकि भ्रम पैदा कर रहे हैं और इसके लिए विधान सभा में व्यापक चर्चा की जरूरत है। कांग्रेस के नेता, विपक्षी दल यशपाल आर्य ने विधान सभा कार्यविधि बढ़ाए जाने की मांग की है।
आज विधान सभा में राज्यपाल के अभिभाषण, बजट और भू कानून सहित छह अन्य महत्वपूर्ण विषय कार्यसूची में है, जबकि आज विधानसभा का अंतिम दिन है, माना जा रहा है कल शनिवार तक विधानसभा की कार्यवाही बढ़ाई जा सकती है। उधर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि भू कानून एक सशक्त भू कानून की व्यवस्था को स्थापित करेगा इसमें विपक्ष को सहयोग करना चाहिए।
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