गुजरात में स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा ने फिर से अपना झंडा गाड़ दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले अलग-अलग चुनावों में भाजपा ने अपनी मजबूत होती जनाधार को और भी गहरा किया है। पिछले कुछ समय में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड में स्थानीय निकायों के चुनावों में अपना परचम लहराने के बाद भाजपा ने अब गुजरात में भी अपने विरोधियों का पूरी तरह से सफाया कर दिया है। इन सभी राज्यों में स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा की मुख्य लड़ाई कांग्रेस पार्टी से थी जिसमें भाजपा ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है। दूसरे शब्दों में कहें तो इन राज्यों में अब चुनाव एकपक्षीय होता जा रहा है जिसमें अब भाजपा का कोई भी अन्य दल मुकाबला करता नजर नहीं आ रहा है।
गुजरात में स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा ने जूनागढ़ नगर निगम के चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज किया है। इस नगर निगम में कुल 60 सीटों में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज करके किसी भी अन्य दल के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है। राज्य के 68 नगर पालिकाओं के चुनाव में भाजपा ने 60 पर एकतरफा जीत का परचम लहराया, दो नगर पालिकाओं पर सपा का कब्जा हुआ और एक कांग्रेस के खाते में गई। पांच नगर पालिकाओं- मंगरोल, डाकोर, अंकलाव, छोटाउदयपुर और बावला में कोई स्पष्ट विजेता नहीं रहा मगर भाजपा इन सभी में निर्दलीय और अन्य के सहयोग से सत्ता में आती दिख रही है। इस तरह देखा जाए तो भाजपा ने कुल 65 नगर पालिकाओं में जीत दर्ज किया है। 2018 की तुलना में भाजपा ने इस बार के स्थानीय निकायों के चुनाव में 14 अतिरिक्त नगर पालिकाओं में जीत दर्ज किया है। तीन तालुका पंचायतों गांधीनगर, कपड़वंज और कठलाल में भी भाजपा को अच्छी और जोश दिलाने वाली जीत दर्ज किया है। साथ ही भाजपा ने अहमदाबाद, भावनगर और सूरत में नगर निगम उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत दर्ज करके विपक्षी दलों के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा है।
भाजपा जहां दो नगर पालिकाएं सपा से हारी है वहीं एक सलाया में कांग्रेस ने जीत दर्ज किया है। सलाया नगर पालिका पूर्णतः मुस्लिम बाहुल्य है और अनुमानों के मुताबिक यहां पर 92 प्रतिशत तक मुस्लिम मतदाता हैं। मगर सलाया नगर पालिका में भी कांग्रेस पार्टी की जीत का अंतर काफी कम रहा है और जहां कांग्रेस ने 15 सीटें जीती हैं वहीं आम आदमी पार्टी ने 13 सीटें जीतकर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। कांग्रेस के सलाया नगर पालिका के कुछ निर्वाचित सदस्य पाला बदलकर आम आदमी पार्टी को इस नगर पालिका में कभी भी सत्ता में ला सकते हैं। इस बार के स्थानीय निकायों के चुनाव में एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है जिसमें अब कांग्रेस पार्टी को आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी टक्कर देते दिख रहे हैं।
आंकड़ों की नजर से परिणाम
नगर पालिका | |||||
---|---|---|---|---|---|
कुल | भाजपा | सपा | कांग्रेस | अन्य | अस्पष्ट |
68 | 60 | 2 | 2 | 1 | 4 |
नगर पालिका | कुल सीट | भाजपा | कांग्रेस | अन्य |
---|---|---|---|---|
नगर पालिका | 1912 | 1402 | 260 | 236 |
तालुका पंचायत | 78 | 55 | 17 | 6 |
गुजरात भाजपा के लिए बिना चुनौती वाला राज्य बनता जा रहा है। भाजपा ने 2014 और 2019 में लोकसभा की सभी 26 सीटें बिना किसी चुनौती के जीत दर्ज किया। भाजपा के इस बढ़ते कद से परेशान होकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और बनासकांठा सीट पर भाजपा को हराकर 2009 के बाद पहली बार गुजरात से लोकसभा में खुद के लिए अपना खाता खोला।
भाजपा ने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 182 सदस्यीय विधानसभा में 156 सीटों पर जीत दर्ज किया। भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने खुद के प्रदर्शन में सुधार करते हुए 162 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाते हुए 25 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज किया। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 173 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाते हुए सभी 26 लोकसभा की सीटों पर जीत दर्ज किया था।
गुजरात में भाजपा अब सबसे अधिक बार लगातार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) माकपा के चुनाव जीतने के रिकॉर्ड को तोड़ने के दहलीज पर खड़ी है। माकपा ने पश्चिम बंगाल में 1977 से 2006 तक लगातार सात बार विधानसभा का चुनाव जीतकर देश में सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज किया था। भाजपा गुजरात में लगातार 1995 से 2022 तक सात बार विधानसभा का चुनाव जीतकर उसके इस रिकॉर्ड की बराबरी कर चुकी है। अब भाजपा की नजर 2027 के गुजरात के विधानसभा चुनाव को फिर से जीतकर उसके इस रिकॉर्ड को तोड़कर अपना खुद का रिकॉर्ड बनाने पर टिका दिया है।
टिप्पणियाँ