मध्य प्रदेश में इंदौर की एक अदालत ने आठ वर्षीय बच्चे का जबरन कन्वर्जन और खतना कराने के मामले में मां समेत तीन दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने बुधवार (19 फरवरी) को आईपीसी की धारा 467 और 471 के तहत प्रत्येक को 10-10 साल का सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपये जुर्माना लगाया। इसके अलावा, धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 के तहत 7-7 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा भी सुनाई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला जुलाई 2023 का है। कोर्ट ने मां प्रार्थना, उसके मुस्लिम प्रेमी इलियास और जफर नाम के एक शख्स को बच्चे को जबरन इस्लाम कबूल करवाने का दोषी पाया। राजस्थान में बाड़मेर के बिजनेसमैन महेश नाहटा ने इंदौर के खजराना थाने में अपने बच्चे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के बाद पुलिस ने बिजनेसमैन की पत्नी प्रार्थना शिवहरे (27), उसके प्रेमी इलियास अहमद (33) और मोहम्मद जफर अली (37) को गिरफ्तार किया था।
महेश नाहटा के अनुसार, वर्ष 2014 में प्रार्थना से शादी के बाद 2015 में उनका बेटा हुआ। वह फरवरी 2018 में पत्नी और बेटे के साथ शाजापुर में एक सगाई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। शाजापुर से वापस बाड़मेर लौटने के दौरान उनकी पत्नी प्रार्थना और बेटा अचानक गायब हो गए। बाद में पता चला कि वह इंदौर में इलियास के साथ रह रही है। उसने बेटे का खतना करवा दिया और फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसका नाम और जन्म प्रमाण पत्र तक बदलवा दिया। इसके बाद इलियास खुद को बच्चे का पिता बताने लगा।
पीड़ित पिता ने इलियास पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया था कि इलियास ने जानबूझकर जैन समाज के बच्चे का धर्मांतरण करवाया और उनकी पत्नी-बेटे को जिहादी मानसिकता वाला बना दिया। उनके बेटे का नाम मनन जैन था, लेकिन उसने जबरदस्ती मासूम का खतना करवा दिया। उसे मुस्लिमों के हिसाब से रहने के लिए मजबूर किया। इलियास और उसके सहयोगी हिंदू महिलाओं और उनके बच्चों का धर्मांतरण कराते थे। यही नहीं इलियास ने महेश से पत्नी और बेटे को वापस लौटाने के लिए पांच लाख रुपये मांगे थे। इस दौरान बिजनेसमैन ने उसे डेढ़ लाख देने की बात कही थी, जिसके बाद इलियास का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ। बाद में महेश ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई और शाजापुर कोर्ट में पत्नी से तलाक के लिए अर्जी दी। अदालत ने सुनवाई के दौरान बच्चे को पिता को सुपुर्द करने का आदेश दिया था। वहीं, दो वर्ष पहले महेश कुमार की शिकायत पर इंदौर के खजराना में रहने वाले इलियास के खिलाफ पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471, मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। अब 2025 में इंदौर की अदालत ने तीनों को 10 साल की सजा सुनाई है।
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