नई दिल्ली, (हि.स.)। भारत और कतर के बीच मंगलवार को हुई बातचीत के बाद दो समझौतों और पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए। साथ ही दोनों देश अपनी भागीदारी को रणनीतिक स्तर तक ले जाने पर सहमत हुए। दोनों देश अपसी व्यापार को 2030 तक दोगुना करने पर भी सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के बीच मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में व्यक्तिगत और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।
कतर के अमीर की भारत यात्रा पर आयोजित पत्रकार वार्ता में विदेश मंत्रालय में सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि वार्ता के दौरान निवेश, वाणिज्य और ऊर्जा क्षेत्र बातचीत के केंद्र में रहे। इस दौरान कतर के भारतीय पोर्ट में निवेश पर भी चर्चा हुई। रणनीतिक साझेदारी के लिए भारत और कतर ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने बताया कि भारत और कतर ने 2030 तक अपना आपसी व्यापार दोगुना कर 28 अरब डॉलर तक पहुंचाने का फैसला किया है। फिलहाल दोनों देशों का व्यापार 14 अरब डॉलर है। इस दौरान दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मध्य-पूर्व की स्थिति पर भी चर्चा हुई और दोनों पक्षों ने अपनी स्थित एक-दूसरे से साझा की।
चटर्जी ने कहा कि मध्य-पूर्व में विकसित होने वाली स्थिति चर्चाओं का हिस्सा थी। दोनों पक्षों ने इज़राइल-हामास मुद्दे पर अपने संबंधित स्थिति को साझा किया। भारत ने अपना रुख व्यक्त किया, जबकि कतरी पक्ष ने उनके पक्ष की सूचना दी और विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
इस दौरान कतर में भारतीय राजदूत ने बताया कि अभी तक 95 भारतीयों को कतर की ओर से क्षमादान मिल चुका है। वहीं कतर में 600 भारतीय जेल में हैं।
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