प्रतीकात्मक तस्वीर
नैनीताल: कालागढ़ क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध कब्जों के मामले में हाईकोर्ट ने करीब एक सौ जर्जर भवनों को तोड़ने की इजाजत जिला प्रशासन को दे दी है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने उक्त वन भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश जारी किए हुए है, इस पर पौड़ी जिला प्रशासन कारवाई कर रहा था जिसपर काबिज लोगों ने नैनीताल उच्च न्यायालय का रुख किया था।
न्यायालय में डीएम पौड़ी स्वयं उपस्थित हुए और उन्होंने अपने पक्ष को रखा कि उक्त भूमि वन विभाग की है जो कि सिंचाई विभाग को राम गंगा जल विद्युत परियोजना के लिए लीज पर दी गई थी, प्रोजेक्ट पूरा होने पर उक्त भूमि वन विभाग को वापिस की जानी थी किंतु यहां अवैध कब्जे हो गए।
इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: जंगल की आग, रोकने पर बंद कमरों में बनती रही है योजनाएं, मानव निर्मित आग पर दीर्घ कालीन योजना बनाने की जरूरत
कालागढ़, एरिया कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ जंगल क्षेत्र है जहां यूपी से लोग आकर बसे हुए बताए जाते हैं, जिन पर पौड़ी जिला प्रशासन कारवाई कर रहा है।
पौड़ी डीएम आशीष चौहान ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश मिलने के बाद अवैध कब्जों को ध्वस्त करने की कारवाई शुरू की जाएगी। अभी इस मामले में कुछ और कब्जेदार कोर्ट की शरण में है जिस पर शासन स्तर से कार्रवाई की जा रही है। उक्त भूमि खाली करवाने के बाद वन विभाग के कालागढ़ फॉरेस्ट डिवीजन को वापिस सौंप दी जाएगी।
Leave a Comment