दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना नदी की गंदगी ने सबका ध्यान आकर्षित किया। भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर वे यमुना की सफाई का काम शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव के दौरान यमुना की सफाई का वादा किया था। अब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना सफाई अभियान की शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वादे के अनुसार यह काम शुरू किया गया है।
दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय ने बताया कि यमुना नदी की सफाई पहले ही शुरू हो चुकी है। कचरा निकालने वाली मशीनें, खरपतवार हटाने वाली मशीनें और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट आज से सफाई कार्य में जुट गए हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (आई एंड एफ सी) से मिलकर उन्हें तुरंत काम शुरू करने का निर्देश दिया।
यमुना की सफाई के लिए चार स्तरों पर रणनीति अपनाई गई है। सबसे पहले, यमुना नदी में जमा कचरा, गाद और गंदगी हटाई जाएगी। इसके साथ ही नजफगढ़ नाला, सप्लीमेंट्री नाला और अन्य प्रमुख नालों की सफाई भी शुरू की जाएगी। मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) की क्षमता और कार्यप्रणाली की रोजाना निगरानी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं। लगभग 400 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) सीवेज उपचार की कमी को पूरा करने के लिए नए एसटीपी/डीएसटीपी की निर्माण और चालू करने के लिए एक समयबद्ध योजना बनाई जाएगी।
यमुना की सफाई के लिए तीन साल की योजना बनाई गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य लगभग 3 वर्षों में नदी को साफ करना है। इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), आईएंडएफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसी विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) भी निगरानी करेगी और औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में डाले जाने वाले कचरे पर कड़ी निगरानी रखेगी।
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