नई दिल्ली (हि.स.) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सदियों से कपड़ा उद्योग की बड़ी भूमिका रही है। वर्तमान में भारत को विकसित बनाने में भी कपड़ा क्षेत्र का बड़ा योगदान रहने वाला है। भारत टेक्स जैसे आयोजन इस क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘भारत टेक्स-2025’ कार्यक्रम को संबोधित कर थे। वैश्विक स्तर का आयोजन 14 से शुरू हुआ था और 17 फरवरी तक चलेगा। भारत टेक्स में 120 से अधिक देश भाग ले रहे हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा कपड़ा और परिधान निर्यातक देश है। भारत का निर्यात 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। अब हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक हम इसे 9 लाख करोड़ रुपये तक लेकर जाएं। भारत के कपड़ा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान और संभावनाओं का सृजन हमारा संकल्प है। इसके लिए हम दूरदर्शी और लम्बे कालखंड के नवाचार पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत की कपड़ा रिसाइक्लिंग बाजार 40 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। वैश्विक रिसाइक्लिंग बाजार करीब 7.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। अगर हम सही दिशा में आगे बढ़ें, तो भारत इसमें और बड़ा शेयर हासिल कर सकता है। इस सफलता के पीछे पूरे एक दशक की मेहनत और निरंतर नीति को श्रेय देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारे कपड़ा क्षेत्र में विदेशी निवेश दोगुना हुआ है। कपड़ा देश में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर देने वाली उद्योगों में से एक है। भारत की उत्पादकता में क्षेत्र 11 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। इस बार बजट में भी हमने मिशन मैन्युफैक्चरिंग पर बल दिया है। क्षेत्र में निवेश और विकास का लाभ करोड़ों कपड़ा क्षेत्र के कामगारों को मिल रहा है।
मोदी ने कहा कि ‘भारत टेक्स’ अब एक ‘मेगा ग्लोबल टेक्सटाइल इवेंट’ बन रहा है। इस आयोजन से कपड़ा क्षेत्र सेक्टर में निवेश, निर्यात और क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास को जबरदस्त बढ़ावा मिल रहा है। भारत टेक्स विश्व स्तर पर नीति निर्माताओं, सीईओ और उद्योग के नेताओं के बीच सगाई, सहयोग और साझेदारी के लिए एक मजबूत मंच बन रहा है। मोदी ने कहा कि पिछले साल उन्होंने कपड़ा उद्योग में फार्म, फाइबर, फैबरिक, फैशन और फॉरेन जैसे 5एफ फैक्टर्स की बात की थी। ये विजन अब भारत के लिए एक मिशन बनता जा रहा है। इससे किसान, बुनकर, डिजाइनर और व्यापारी के लिए ग्रोथ के नए रास्ते खोल रहा है।
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