महाकुंभ नगर । तीर्थराज प्रयागराज की धरती न केवल भव्य महाकुम्भ-2025 के रूप में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षात्कार कर रही है, बल्कि संगमनगरी ऐतिहासिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की भी साक्षी बन रही है। 50 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान के वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ ही तीर्थराज ने शुक्रवार को स्वच्छता की दिशा में भी एक अनूठा वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। इसके तहत, 300 से अधिक स्वच्छताकर्मियों ने एक साथ अलग-अलग घाटों पर गंगा की सफाई कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से सभी निर्धारित प्रक्रिया को अपनाया गया। अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि इस पूरी प्रक्रिया को वेरिफाई करेंगे और इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के बाद इसका सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे। सर्टिफिकेट प्राप्त होने के बाद यह अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड होगा, जहां एक साथ इतने सफाई कर्मियों ने अलग-अलग घाटों पर आधे घंटे से ज्यादा समय तक नदी की सफाई का अभियान चलाया।
मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) आकांक्षा राना ने बताया कि सबसे बड़ी नदी सफाई अभियान के रिकॉर्ड्स की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था, जिसे आज पूर्ण किया गया है। इसके तहत गंगा नदी पर बने तीन घाटों (राम घाट, भारद्वाज घाट और गंगेश्वर घाट) पर एक साथ गंगा सफाई अभियान चलाया गया। आधे घंटे से अधिक समय तक चले इस अभियान के माध्यम से नदी और घाटों को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता का भी प्रसार किया गया। इस सफाई अभियान में कुल 300 से ज्यादा सफाई कर्मी शामिल हुए।
आकांक्षा राना ने बताया कि इस अभियान को देखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। साथ ही, इस प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए आई विटनेसेज के रूप में इनवॉयरमेंटलिस्ट और एमएनआईटी के प्रोफेसर्स भी मौजूद थे। अब इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, जिसे देखने और वेरीफाई करने के बाद इस रिकॉर्ड को मान्यता दी जाएगी। इस रिकॉर्ड का उद्देश्य न केवल विश्व रिकॉर्ड हासिल करना है, बल्कि पवित्र नदियों के संरक्षण के लिए महाकुम्भ के समर्पण को भी उजागर करना है। इसके माध्यम से पारिस्थितिक संरक्षण और प्राकृतिक पर्यावरण के साथ आध्यात्मिक संबंध के महत्व पर जोर दिया जाएगा।
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