नई दिल्ली (हि.स.) । सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु में 2020 के दंगे के करीब 150 आरोपितों को यूएपीए मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में एनआईए की जांच में दखल देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि कर्नाटक में यूएपीए के मामलों से निपटने के लिए स्पेशल कोर्ट की कमी है। कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वो राज्य में तीन महीने के अंदर और स्पेशल कोर्ट की स्थापना करे। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में ट्रायल लंबे समय से लंबित है और इसके जल्द शुरू होने की संभावना नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में एनआईए के मामले काफी संख्या में लंबित हैं और इसकी बड़ी वजह स्पेशल कोर्ट की कमी है।
ये सभी आरोपित सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। 2020 के बेंगलुरु दंगे के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी और करीब 60 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
टिप्पणियाँ