मार्क जकरबर्ग
पाकिस्तान में बेअदबी के कानून को लेकर वैसे तो चर्चाएं होती ही रहती हैं और यह सामने भी आया है कि कैसे इस कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। यह भी पूरी दुनिया ने देखा था कि कैसे श्रीलंका के एक व्यक्ति की हत्या बेअदबी के नाम पर कर दी गई थी। इस कानून को लेकर केवल पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में चिंता जताई जा रही है। अब इस मामले को फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग ने बहुत ही चौंकाने वाली बात बताई है। मेटा के सीईओ ने पाकिस्तान में अपने ऊपर लगे आरोपों के विषय में बात की।
उन्होंने बताया कि कैसे फ़ेसबुक पर एक कंटेन्ट को बेअदबी के दायरे में लाया गया और उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ी। जो रोगन के साथ एक बातचीत में उन्होंने बताया कि अमेरिकी टेक कंपनियों द्वारा लाई गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करने वाले ऐसे कानून वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म पर यह दबाव डालते हैं कि वे अपने कंटेन्ट को और भी कड़ाई से निगमित करें। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देशों में ऐसे कानून हैं, जिनसे हम सहमत नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, एक बार किसी ने मुझे पाकिस्तान में मौत की सजा के दायरे में लाने की कोशिश की, क्योंकि किसी ने फ़ेसबुक पर मुस्लिमों के पैगंबर मुहम्मद के चित्र को साझा कर दिया था। उन्होंने मुझ पर मुकदमा किया और आपराधिक कार्यवाही की।
उसके बाद उन्होंने कहा कि चूंकि उनकी योजना पाकिस्तान जाने की नहीं है, इसलिए उन्हें इस विषय में चिंता ही नहीं है। मेटा के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग का यह भी कहना था कि हालात बहुत चिंताजनक थे। और यह बहुत अच्छा नहीं होता कि आप हवाई जहाज में हैं और आप नहीं चाहते कि आपका हवाई जहाज पाकिस्तान के ऊपर से गुजरे। पाकिस्तान का बेअदबी का कानून बहुत सख्त है और इसमें मौत की सजा तक शामिल है। पाकिस्तान की कानून व्यवस्था इन कानूनों का उल्लंघन करने वाले लोगों के प्रति बहुत कठोर है।
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इस विषय में मार्क ज़ुकरबर्ग ने जो भी कहा है, वह नियमों में बदलाव की बात करता है। ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी से असहमत होने पर उसकी हत्या ही करा दी जाए। इस मामले को लेकर माहौल गरम है और लोग इस विषय में कानून को लेकर बातें कर रहे हैं। पाकिस्तान में बेअदबी को लेकर कानूनों पर चर्चा तो होती है, मगर उन कानूनों को लेकर कोई कुछ कर ही नहीं सकता है। ऐसे में इस कानून को लेकर चर्चा होनी चाहिए, मगर विमर्श में चर्चा केवल तभी तक रहती है जब तक कोई घटना नहीं हो जाए।
यदि सूची बनेगी तो वह सूची खासी बड़ी होगी जो यह बताती है कि आखिर पाकिस्तान में इस कानून का दुरुपयोग किस सीमा तक हो रहा है। मार्क जुगरबर्ग का वह वीडियो अपने आप में काफी प्रकाश डालता है।
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