Waqf Board
देश भर में वक्फ बोर्ड को लेकर मचे घमासान के बीच वक्फ संशोधन विधेयक -2024 पर जेपीसी की रिपोर्ट आज लोकसभा की पटल पर पेश की जाएगी। 489 पन्नों की इस रिपोर्ट को इससे पहले 30 जनवरी को जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी थी।
इसे 29 जनवरी अंतिम रूप दिया गया था। अपनी रिपोर्ट में जेपीसी अध्यक्ष ने कहा था कि संशोधनों में डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध तरीके से कब्जे वाली वक्फ संपत्तियों को फिर प्राप्त करने के लिए कानूनी ढांचे में सुधार पेश करने जैसे सुधार शामिल हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी 14 संशोधनों को स्वीकार किया था। संशोधित वक्फ बिल में जेपीसी ने राज्य वक्फ बोर्डों में 4 गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का आह्वान किया है। इसके अलावा राज्य सरकार के ऊपर के स्तर के अधिकारी को राज्य सरकार जांच के लिए नामित कर सकती है।
समिति ने दाउदी बोहरा और आगाखानी मुस्लिमों को वक्फ बोर्डों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखने के लिए एक संशोधन को भी अपनाया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिकतर निकाय सुन्नी मुस्लिम बहुल हैं।
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम संगठनों ने जिलाधिकारी को जांच अधिकारी बनाने का विरोध किया था। मुस्लिमों का कहना था कि जिला कलेक्टर राजस्व अभिलेखों के प्रमुख होते हैं, ऐसे में उनके द्वारा निष्पक्ष जांच की आशा नहीं की जा सकती।
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