भारत सरकार लंबे वक्त से ये कहती आ रही है कि कनाडा सरकार भारत में अपराध करके फरार खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देती है। हर बार ट्रूडो सरकार ने इसे नकारा। लेकिन, अब खुद कनाडा सरकार ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वो खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देता है। साथ ही उसने ये भी माना है कि खालिस्तानी आतंकी भारत के लिए बड़ा खतरा हैं। इन सब के बाद भी कनाडा सरकार इन तत्वों को लगातार शरण दे रही है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के फॉरेन इंटरफियरेंस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया था। इसमें कहा गया है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक आराम से रह रहे हैं। 2021 से 2024 के बीच यानि कि केवल इन तीन सालों में ही 1045 खालिस्तानी अलगाववादियों को शरण दी है। साल 2022 में सबसे अधिक 428 खालिस्तानियों को कनाडा ने अपने देश में शरण दी। कनाडा का ये भी कहना है कि ये खालिस्तानी आतंकी वहां शांतिपूर्ण तरीके से रह रहे हैं।
खास बात ये है कि कनाडा जिन्हें ‘सिख मिलिटेंट्स’ कह रहा है, असल में ये भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देकर कनाडा भागे हुए आतंकी ही हैं। ये वहां बड़े ही आराम से सामान्य जीवन जी रहे हैं। कनाडा खालिस्तानी आतंकियों को सिख मिलिटेंट्स कहता है और दावा करता है कि ये अपने ही देश में सताए गए हैं। कनाडा में भारत के राजनयिक रह चुके दीपक बोहरा के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा खालिस्तानियों के शांतिपूर्ण तरीके से रहने की बात भले ही करता है लेकिन वो ये भी मानता है कि कुछ खालिस्तानी समर्थक भारत में आतंकी फंडिंग करके माहौल बिगाड़ने में लगे हैं।
हालांकि, कनाडा ने माना है कि खालिस्तानी आतंकी को लेकर कानूनी आधार पर दावे किए हैं। मतलब ये कि भारत ने इसके लिए वैध दावे किए हैं। इसका अर्थ ये है कि भारत के आरोप तथ्यपूर्ण हैं।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से बिगड़े संबंध
गौरतलब है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंध बिगड़े हैं। पहले तक तो सब ठीक था, लेकिन सितंबर 2024 में जी 20 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जस्टिन ट्रूडो भारत के दौरे पर आते हैं और वापस लौटने के बाद वो भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप मढ़ देते हैं। भारत सरकार सबूत मांगती है तो ट्रूडो कहते हैं कि हम सबूत नहीं देंगे, लेकिन हमारे पास सबूत हैं कि निज्जर की हत्या भारत ने की है। बाद में ट्रू़डो भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि उनके पास भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। लेकिन, फिर भी कनाडा झुकने को तैयार नहीं है।
टिप्पणियाँ