उत्तराखंड

कालागढ़ में अवैध कब्जे मामले की हाइकोर्ट में सुनवाई, डीएम आशीष चौहान खुद हुए पेश, 17 फरवरी को अगली तिथि

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से लगे कालागढ़ क्षेत्र में वन विभाग और सिंचाई विभाग की सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बसे लोगों को हटाने के मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

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दिनेश मानसेरा

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से लगे कालागढ़ क्षेत्र में वन विभाग और सिंचाई विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बसे लोगों को हटाने का मामला हाईकोर्ट में सुना गया। इस मामले में अवैध रूप से बसे 213 लोगों को हटाने पर स्थानीय लोगों द्वारा हाइकोर्ट की शरण ली है। उनका मानना है कि उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।

जबकि जिला प्रशासन का कहना है कि वन विभाग ने 1960 में रामगंगा बांध परियोजना के लिए सिंचाई विभाग को भूमि दी थी, बांध बन जाने के बाद शेष भूमि सिंचाई विभाग ने वन विभाग को वापिस करनी थी, जिस पर कारवाई भी हुई। लेकिन सिंचाई विभाग के सेवानिवृत कर्मचारी और ठेकदारों ने अपना कब्जा नहीं छोड़ा जिसपर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट ने उक्त अतिक्रमण हटाने के लिए उत्तराखंड सरकार को निर्देशित किया। इसी क्रम में जिला प्रशासन समय समय पर अतिक्रमण हटा कर उक्त भूमि वन विभाग को सौंपता रहा है।

डीएम पौड़ी आशीष चौहान ने उच्च न्यायालय में स्वयं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा कि उक्त कारवाई एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत की जा रही है। कोर्ट ने इस मामले में कब्जेदारों को पुनर्वास संबंधी विषयों पर अपना पक्ष रखने के लिए समय देते हुए अगली तारीख 17 फरवरी की दी है।

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