नई दिल्ली, (हि.स.)। राज्यसभा में मंगलवार को भारतीय संविधान की छप रही नई प्रतियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार देखने को मिली। विपक्षी कांग्रेस के सदस्य सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर गए। सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के वॉकआउट को बाबा साहब का सीधा अपमान बताया।
भाजपा सदस्य डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने संविधान की मूल प्रति पर इलस्ट्रेशन होने का उल्लेख करते हुए कहा कि जो प्रतियां छप रही हैं और प्रसारित हो रही हैं, उन पर ये इलस्ट्रेशन नहीं छप रहे हैं। उन्होंने मोहन जोदड़ो की सभ्यता से लेकर भगवान राम के अयोध्या लौटने, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण से लेकर भगवान बुद्ध तक की तस्वीरें छप रहे संविधान पर नहीं होने का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा कि संसद ने जो संशोधन किए हैं, उनके साथ जो संविधान है, वही वास्तविक संविधान है और उनके साथ ही संविधान को प्रसारित, प्रचारित किया जाना चाहिए। आजकल जो लोग संविधान की प्रतियां लेकर चल रहे हैं, उनमें वो 22 कृतियां दिखाई नहीं देती हैं। संविधान निर्माताओं की हस्ताक्षरित प्रति ही असली है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि बाबा साहब के संविधान को ये अनावश्यक विवाद में लाना चाहते हैं।
सभापति ने सदन को बताया कि हमारी जो 5000 साल की संस्कृति और विरासत है, उसका दर्पण और दर्शन 22 चलचित्रों में है। मूल अधिकार (Fundamental Rights) वाले चैप्टर को देखेंगे, उस पर राम, लक्ष्मण और सीता अयोध्या आ रहे हैं। नीति निर्देशक तत्व (Directive Principles) की बात करेंगे तो कुरुक्षेत्र की भूमि में कृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं, शुरुआत में देखेंगे तो गुरुकुल की प्रति दिखाई गई है। इसमें शिवाजी का वर्णन है, इसमें अकबर का भी वर्णन है, इसमें नेताजी सुभाष का भी वर्णन है। जिस मूल प्रति पर दस्तखत किए हैं संविधान निर्माताओं ने, डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर ने, वही असली संविधान है, उसी का संज्ञान जनता को कराना चाहिए। इसमें यदि अगर कोई भटकाव है किसी भी क्षेत्र से, हमें अविलंब सुधार करना चाहिए।
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