'अल्पसंख्यक न हो आहत, इसलिए कुत्तों को किया जाए प्रतिबंधित' : वेल्स की सरकार के अनुसार कुत्ते भी होते हैं नस्लवादी..?
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

‘अल्पसंख्यक न हो आहत, इसलिए कुत्तों को किया जाए प्रतिबंधित’ : वेल्स की सरकार के अनुसार कुत्ते भी होते हैं नस्लवादी..?

वेल्स में सरकार द्वारा वित्तपोषित एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि कुत्ते अल्पसंख्यकों के खिलाफ नस्लवादी हो सकते हैं। क्या यह वोक एजेंडा है? जानिए क्या है पूरा विवाद..

by सोनाली मिश्रा
Feb 11, 2025, 10:30 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

क्या कभी पशु भी नस्लवादी हो सकते हैं? क्या कभी कुत्ते नस्लवादी हो सकते हैं और वे केवल कथित अल्पसंख्यकों पर ही हमला कर सकते हैं? ऐसा प्रश्न इसलिए उठा क्योंकि पिछले वर्ष नवंबर में वोक मानसिकता ने यह तक वेल्स में कह दिया था कि कुत्ते अल्पसंख्यकों को अपमानित करते हैं।

क्या कोई भी सरकार ऐसे किसी अध्ययन को प्रायोजित कर सकती है? तो इसका उत्तर हाँ में है और यह कारनामा वेल्स की लेबर सरकार ने किया था। thesun के अनुसार लेबर के विकसित प्रशासन ने कंट्रीसाइड में वर्ष 2030 तक नस्लवाद को समाप्त करने का वादा किया है।

मगर जो सबसे हैरान करने वाली बात थी, वह यह कि सरकार ने जिस अध्ययन के लिए वित्त दिया था, उसने यह कहा कि जो अल्पसंख्यक हैं, उन्हें ऐसे क्षेत्रों में जाने से डर लगता है, जहां पर कुत्ते हैं। और यह भी दावा किया गया कि कुत्ते कुछ खास प्रकार की पहचान वाले लोगों पर भूँकते हैं।

यह कहा गया कि यदि इलाकों का समावेशीकरण करना है तो कंट्रीसाइड से कुत्तों को हटाना होगा। ऐसा कहा गया कि कुत्ते कुछ खास प्रकार के त्वचा के रंग के लोगों को देखकर भूँकते हैं। डेलीमेल के अनुसार पशुओं के व्यवहार पर काम करने वाली कैरोलिन विलिंकिंसन ने कहा था कि यदि आप ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं, जहां पर श्वेत ब्रिटिश रहते हैं तो आप पाएंगे कि आपके कुत्ते ने ब्लैक या ब्राउन लोग देखे ही नहीं हैं।

वेल्श सरकार द्वारा अपनी ‘नस्लवाद विरोधी’ नीति को आगे बढ़ाने के लिए वित्तपोषित एक रिपोर्ट के अनुसार, बाहरी क्षेत्रों को अधिक समावेशी बनाने के लिए कुत्ता-मुक्त क्षेत्र स्थापित किए जाने चाहिए। पर्यावरण के लिए काम करने वाली क्लाइमेट कीमरु बेम (Climate Cymru BAME) ने यह रिपोर्ट बनाई थी। इसके साथ काम करने वाली नॉर्थ वेल्स अफ्रीका सोसाइटी ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ अफ्रीकी महिलाएं कुत्तों की उपस्थिति को लेकर डर अनुभव करती हैं। उन्हें लगता है कि कुत्ते उनपर हमला कर देंगे।

पिछले वर्ष जब यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, तब सोशल मीडिया पर इसका जमकर विरोध हुआ था। इस वोक मानसिकता वाली रिपोर्ट का जमकर विरोध किया गया था। लोगों ने कहा था कि अब यूनाइटेड किंगडम में कुत्ते को रखना भी नस्लवाद की श्रेणी में रखा जाएगा। और लोगों ने पूछा था कि क्या आपके कुत्ते ने नस्लवाद के संकेत दिखाए हैं?

लोगों ने कहा था कि एक दिन कुत्तों को मस्जिद पर भूँकने के आरोप में जेल में डाल दिया जाएगा। वेल्स में यह अपील की गई कि बाहरियों का समावेशीकरण करने के लिए पालतू पशु मुक्त क्षेत्रों का निर्माण किया जाए। हालांकि जब इस रिपोर्ट की आलोचना हुई थी, तो सरकार के प्रवक्ता ने यह कहा था कि वे इस प्रस्ताव पर काम नहीं करने जा rही हैं और कुत्तों का स्वागत वेल्स की पहाड़ियों में हमेशा रहेगा।

सरकार के प्रवक्ता का यह कहना था कि जो टिप्पणियाँ प्राप्त हुई हैं, वे लोगों से प्राप्त फीडबैक हैं और ये किसी भी प्रकार का प्रस्ताव नहीं हैं। और कुत्तों को कंट्री साइड से प्रतिबंधित करने की कोई भी योजना नहीं है।

यह बहुत ही आम बात है कि कुत्ते हमेशा ही ऐसे लोगों के प्रति सचेत करते हैं, जो उन्हें उनके अनुसार संदिग्ध दिखाई देते हैं। हालांकि यह बात अभी टाल दी गई है, मगर कम्युनिस्ट एजेंडे को इस प्रकार देखा जा सकता है कि वह पहले किसी अल्पज्ञात संस्था से ऐसा प्रस्ताव लाते हैं और टोह लेते हैं कि इसका विरोध कितना होगा और कितना नहीं।

और फिर धीरे-धीरे विमर्श बनाते हैं। जिसका वे विरोध करना चाहते हैं, उसे विमर्श में खलनायक बनाने की एक लंबी प्रक्रिया है और उसके बाद वे अंतिम प्रहार करते हैं और चूंकि विमर्श में वह खलनायक बन चुका होता है, इसलिए उसके मरने का सहज विरोध भी नहीं होता है।

कुत्ते अपनी स्वामिभक्ति के लिए विख्यात हैं और वे हर उस व्यक्ति का विरोध करते हैं, जो उनके क्षेत्र में किसी भी गंदे इरादे से प्रवेश करता है और वे नियमित आगंतुकों पर हमला नहीं करते हैं।

भारत में तो एक बहुत ही चर्चित मामले में निर्णय लेने में कुत्तों की एक बहुत बड़ी भूमिका रही थी। और यह मामला था सिस्टर अभया की हत्या का। दो दशक बाद आए इस निर्णय में न्यायालय ने यह कहा था कि कान्वेन्ट हॉस्टल में कुत्तों का पहरा रहता था, मगर चूंकि अपराध किसी भीतरी व्यक्ति ने ही किया था, इसलिए कुत्तों ने शोर नहीं मचाया।

कुत्ते नस्लवादी नहीं होते और न ही हो सकते हैं। वे किसी व्यक्ति के रंग, धर्म आदि को देखकर न ही प्यार करते हैं और न ही विरोध। मगर वोक एजेंडा चलाने वाले कुत्तों को भी नस्लवादी ठहरा सकते हैं और लोगों से यह अधिकार भी छीन सकते हैं कि बाहरी लोगों का समावेशीकरण करने के लिए अपने घर में कुत्ता न पालें।

Topics: Dogs RacismWales Racism Reportकुत्ते नस्लवादWoke Agendaवेल्स नस्लवाद रिपोर्टPet Ban Controversyवोक एजेंडाRacist Dogs Debateपालतू पशु प्रतिबंधMinority and Dogsनस्लवादी कुत्तेAnimal Behavior Studyअल्पसंख्यक और कुत्तेDiscrimination in Petsकुत्तों का व्यवहारWales Dog Banनस्लभेद और जानवरवेल्स कुत्ते विवाद
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ओहिओ सीनेट ने DEI एजेंडा पर कसा शिकंजा, सरकारी कॉलेजों में बैन और हड़ताल पर भी लगी रोक

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Press briefing: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies