अमेरिकी रक्षा विभाग चीन की सैन्य क्षमताओं का समय समय पर आकलन करके उसके अनुसार रणनीतियां तय करता रहा है। इस संबंध में हर साल उसकी एक रिपोर्ट तैयार होती है। पिछले साल प्रकाशित हुई यह रिपोर्ट खुलासा करती है कि चीन एक बड़े नौसैनिक बेड़ा रखता है। इसमें 370 जहाज तथा पनडुब्बियां हैं, 1300 अत्याधुनिक युद्धक विमान भी हैं। लेकिन इसके बाद भी चीन का कोई संयुक्त नेटवर्क कमांड तथा कंट्रोल का तंत्र नहीं बना है।
ताइवान को लेकर पिछले लंबे समय से आक्रामक तेवर दिखा रहा विस्तारवादी चीन सैन्य तैयारियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि उसकी सेना फिलहाल ऐसा कोई कदम उठाने की स्थिति में नहीं है। यह खुलासा किया है मैनलैंड अफेयर्स काउंसिल की सामने आई ताजा रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट को ताइवान के अखबारों ने छापकर जगजाहिर कर दिया है।
इस रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा विभाग की पिछले साल की चीनी सेना के संदर्भ में छपी रिपोर्ट को उद्धृत किया गया है। मैनलैंड अफेयर्स काउंसिल (ताइवान) की रिपोर्ट कहती है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना के तीनों अंगों—वायुसेना, नौसेना और थलसेना—और सैन्य परमाणु, अंतरिक्ष, साइबर, इलेक्ट्रिानिक वॉर जैसे क्षेत्रों में आगे तो बढ़ी है, लेकिन अभी इन अंगों में उतना समन्वय नहीं है जैसा होना चाहिए।
कहा गया है कि चीनी सेना के बहुत गति के साथ चल रहे आधुनिकीकरण के बावजूद ऐसा नहीं लगता कि उसके पास फिलहाल ताइवान पर हमला करने लायक तैयारी है। ताइवानी मीडिया मैनलैंड अफेयर्स काउंसिल की इस रिपोर्ट को छापकर विशेषज्ञों की नजर में यह तथ्य लाना चाहता था। क्योंकि रिपोर्ट साफ कह रही है कि सैन्य आधुनिकीकरण के बाद भी चीनी पीएलए मिलकर लड़ाई में उतरने की हालत में नहीं दिख रही है।
यही रिपोर्ट आगे कहती है कि राष्ट्रपति जिनपिंग की पहल पर सेना को लेकर अनेक सुधार किए जा चुके हैं। इससे पीएलए के लड़ने की ताकत तो बढ़ी है। तो भी अमेरिकी रक्षा विभाग मानता है कि सेना के तीनों अंग और परमाणु, अंतरिक्ष, साइबर, इलेक्ट्रानिक लड़ाई के लिए आवश्यक समन्वय नहीं है। अब भी युद्ध के कई महत्वपूर्ण आयामों की इसमें कमी है।
यहां बता दें कि अमेरिकी रक्षा विभाग चीन की सैन्य क्षमताओं का समय समय पर आकलन करके उसके अनुसार रणनीतियां तय करता रहा है। इस संबंध में हर साल उसकी एक रिपोर्ट तैयार होती है। पिछले साल प्रकाशित हुई यह रिपोर्ट खुलासा करती है कि चीन एक बड़े नौसैनिक बेड़ा रखता है। इसमें 370 जहाज तथा पनडुब्बियां हैं, 1300 अत्याधुनिक युद्धक विमान भी हैं। लेकिन इसके बाद भी चीन का कोई संयुक्त नेटवर्क कमांड तथा कंट्रोल का तंत्र नहीं बना है।
सेना के अंग आपस में गुप्त सूचनाओं को साझा करने में अड़चन महसूस कर रहे हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग की इसी रिपोर्ट ने ताइवान के बारे में कहा है कि यह सही है कि चीन मौके देख रहा है ताइवान पर हमला करने के, इसके लिए युद्धभ्यास भी चलाता आ रहा है, लेकिन इस वक्त तो लगता है कि इसके लिए वह उतना तैयार नहीं है।
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