दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की है। भाजपा की यह जीत कई मायनो में अद्भुत रही है। भाजपा विगत 27 साल से दिल्ली में सत्ता से दूर थी। विगत दो दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा एक अंक की सदस्यता तक सिमट गई थी।
दिल्ली में भाजपा की 8 सीटों से 48 सीटों की यात्रा कोई बहुत चकित करने वाला नहीं है। भाजपा इससे पहले भी कई राज्यों में इससे भी ज्यादा और बड़ा प्रदर्शन कर चुकी है। भाजपा का सबसे चकित करने वाला प्रदर्शन पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में देखने को मिला था। इस राज्य में 2018 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का महज एक सीट पर जमानत बचाने का इतिहास था। मगर 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में 36 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई।
पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा राज्य असम में भी भाजपा के सरकार बनाने का एक अलग यात्रा रही है 2011 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने असम के 126 सदस्यीय विधानसभा में महज 5 सीट ही जीत सकी थी। मगर 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत से महज 4 सीट दूर रही और सरकार बनाने में सफल रही। इससे पूर्व असम में भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1991 और 2006 में रहा जब भाजपा 10 सीट जीतने में सफल रही थी।
अन्य पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 41 सीट जीतकर अपने बल पर सरकार बनाने में सफल हुई थी। जबकि, विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा के 11 विधायक थे। भाजपा ने एक झटके में 30 अतिरिक्त सीटों पर जीत दर्ज़ करने में सफल रही। इससे पूर्व अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 11 सीटों का ही था। अभी हाल ही में ओडिशा में भाजपा ने ऐसा ही प्रदर्शन करके सबको चौका दिया है। भाजपा ने ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीट जीतकर खुद के बूते सरकार बनाने में सफल रही। विगत विधानसभा में भाजपा के महज 23 सदस्य थे। मगर भाजपा ने 55 सीट अधिक जीतकर 78 सीटों के साथ अपनी सरकार बनाने में सफल रही। इससे पूर्व भाजपा का ओडिशा में सबसे अच्छा प्रदर्शन 2000 में बीजद के साथ गठबंधन में हुआ था, जब भाजपा ने 63 सीटों पर चुनाव लड़कर 38 सीट जीती थी।
हरियाणा में भाजपा का प्रदर्शन भी काफी चौकाने वाला रहा है। भाजपा ने 2014 के राज्य विधानसभा चुनाव में 90 सीटों वाले विधानसभा में 47 सीट जीतकर अपने खुद के बूते सरकार बनाने में सफल रही। इसके पहले वाले विधानसभा में भाजपा के महज 4 विधायक थे। भाजपा ने 43 सीटों की बढ़ोतरी करने में सफल रही थी। इससे पूर्व भाजपा का इस राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1987 में रहा था, जब भाजपा ने देवीलाल ज़ी की लोकदल के साथ गठबंधन में 20 सीटों पर चुनाव लड़कर 16 सीट जीतने में कामयाब रही थी। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने 25 सीट जीतने में कामयाब रही और सरकार में हिस्सा भी बनी। इससे पूर्व के विधानसभा में भाजपा के 11 सदस्य थे।
महाराष्ट्र में भाजपा ने 2014 में 122 सीट जीतकर अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि, विगत विधानसभा में भाजपा के महज 46 विधायक थे। इससे पूर्व भाजपा का राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1995 में रहा था, जब पार्टी ने शिव सेना के साथ 116 सीटों पर लड़कर 65 सीट जीतने में कामयाब रही थी। मणिपुर विधानसभा में भाजपा ने 2017 में 21 सीट जीतने में सफल हुई थी। जबकि, विगत विधानसभा में भाजपा का कोई भी विधायक नहीं था। इससे पूर्व इस राज्य में भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2000 में रहा था, जब पार्टी 6 सीट जीती थी। अन्य पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में भाजपा ने 2018 में 12 सीट जीती थी, जबकि विगत विधानसभा में भाजपा का महज एक विधायक ही था।
विधानसभा में सदस्यों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 2017 में 312 सीट जीती थी, जो विगत विधानसभा में 265 सीट ज्यादा थी। इसके पहले के विधानसभा में भाजपा का महज 47 विधायक थे। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में 77 सीट जीती थी, जो विगत विधानसभा के सदस्य संख्या से 74 अधिक है। भाजपा के इसके पहले वाले विधानसभा में महज 3 सदस्य थे।
टिप्पणियाँ