आईडीएफ के हाथ आया गोपनीय दस्तावेज बताता है कि एक लड़ाके को नैतिक रूतर पर ‘भटका’ लिखा गया था क्योंकि उसने फेसबुक पर रूमानी रिश्ता होना कबूला था। ऐसी समलैंगिकता गैरकानूनी मानी जाती है जिसकी सजा के तौर पर सालों की कैद या मौत हो सकती है। माना जा रहा है कि ऐसे कई समलैंगिक हमासियों को मौत की सजा दी गई थी।
इस्राएल की सेना के हाथ हमास की बर्बरता का राज खोलते ऐसे दस्तावेज लगे हैं जिनसे पता चलता है कि इस्लामी जिहाद की आड़ में यह संगठन कैसे कैसे कृत्य करता रहा है। ये दस्तावेज इस्राएली सेना को गाजा से मिले हैं। ‘सीक्रेट डॉक्यूमेंट’ बताते हैं कि जिहादी हमास ने अपने ऐसे कई लड़ाकों को यातनाएं देकर मार डाला है जो समलैंगिक पाए गए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दस्तावेज में हमास के कितने ही बंदूकधारियों ने इस्राएली पुरुष बंधकों का अप्राकृतिक यौन शोषण किया था। उन्हें यातनाएं दी थीं। दस्तावेज साफ इशारा करता है कि हमास के कई जिहादी समलैंगिक थे, जिनकी पूरी जानकारी गुट के सरगनाओं के पास थी। ये समलैंगिक जिहादी उस संगठन के ‘उसूलों’ पर नहीं चल पाए थे। ऐसे समलैंगिक जिहादियों की लड़कों के साथ समलैंगिक स्तर की बातें करने, लड़कियों पर छींटाकशी करने और पुरुष बंधकों के अप्राकृतिक यौन शोषण करने को लेकर संगठन ‘नाराज’ था। इतना ही नहीं, इन समलैंगिक हमासियों के बच्चों का यौन शोषण करने के बारे में भी संगठन ने जानकारी जुटाई थी।
उल्लेखनीय है कि फिलिस्तीनियों के गाजा में समलैंगिकता को बुरा माना जाता है और ऐसे संबंध रखना अपराध की तरह देखा जाता है। वहां इसे अवैध ठहराया गया है। इस अपराध की सजा मौत है।
आईडीएफ के हाथ आया गोपनीय दस्तावेज यह भी बताता है कि एक लड़ाके को नैतिक रूतर पर ‘भटका’ लिखा गया था क्योंकि उसने फेसबुक पर रूमानी रिश्ता होना कबूला था। ऐसी समलैंगिकता गैरकानूनी मानी जाती है जिसकी सजा के तौर पर सालों की कैद या मौत हो सकती है। माना जा रहा है कि ऐसे कई समलैंगिक हमासियों को मौत की सजा दी गई थी।
बताते हैं, हमास के ही एक पूर्व सरगना महमूद इश्तवी को इसलिए मार डाला गया था क्योंकि उसके समलैंगिक रिश्ते जाहिर हो चुके थे। इश्तवी के ही कामरेडों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया था।
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