विश्व

एक तीर से दो शिकार! अमेरिका ने ईरान की ‘ऑयल शिपिंग नेटवर्क’ पर लगाया प्रतिबंध, चीन की बढ़ेगी मुश्किल

ये प्रतिबंध उस नेटवर्क पर लगाया गया है, जो कि चीन को ऑयल की सप्लाई करता है। अपने इस एक्शन को लेकर अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक बयान जारी कर कहा है कि तेल से मिलने वाले राजस्व का उपयोग करके ईरान लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ा रहा है।

Published by
Kuldeep singh

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही कट्टरपंथी इस्लाम और अपने दुश्मन मुल्कों के खिलाफ नकेल कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में एक बार फिर उन्होंने ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव नीति को लागू करते हुए उसकी ऑयल शिपिंग नेटवर्क पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरानी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, ये प्रतिबंध उस नेटवर्क पर लगाया गया है, जो कि चीन को ऑयल की सप्लाई करता है। अपने इस एक्शन को लेकर अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक बयान जारी कर कहा है कि तेल से मिलने वाले राजस्व का उपयोग करके ईरान लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ा रहा है। इसके साथ ही वह घातक बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोन और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है। अमेरिका ईरान की इन्हीं गतिविधियों को रोकना चाहता है।

उल्लेखनीय है कि इस वक्त ईरान के तेल का सबसे बड़ा ग्राहक चीन है। अपने इस कदम के जरिए ट्रंप एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रहे हैं। विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि ये प्रतिबंध उन कंपनियों पर लगाए गए हैं, जो कि ईरान की सेना को तेल की सप्लाई करती हैं। अमेरिकी सीनेट के वरिष्ठ रिपब्लिकन जेम्स रिश ने भी ट्रंप प्रशासन के इस कदम की प्रशंसा की है। उन्होंने स्टॉप हार्बरिंग ईरानी पेट्रोलियम (SHIP)-2024 नीति का जिक्र करते हुए कहा कि जो बाइडेन ने ईरान पर तेल प्रतिबंधों को लागू करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मैंने इस अधिनियम को इसलिए लागू किया था, ताकि चीनी खरीद पर रोक लगाई जा सके।

इसे भी पढ़ें: USAID: संस्था का प्रयोग या दुरुपयोग, वैश्विक सहायताओं को बंद कर रहा अमेरिका

गौरतलब है कि ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुखर विरोधी थे। हालांकि, जो बाइडेन के कार्यकाल में इसमें थोड़ी से नरमी बरती गई थी, जिसके बाद अब ट्रंप ने सत्ता में आते ही और कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

Share
Leave a Comment