केरल

दुष्कर्म होता रहा, सरकार सोती रही

केरल की अनुसूचित जाति की एक खिलाड़ी ने कोच, वरिष्ठ खिलाड़ियों समेत 64 लोगों पर यौन शोषण का आरोप लगाया। पुलिस ने अभी तक 44 आरोपियों को गिरफ्तार किया

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टी. सतीशन

केरल में सीपीएम के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके तमाम नेता जोर-शोर से यह दावा करते हैं कि केरल देश में सभी क्षेत्रों में नंबर एक है। पर केरल में कानून एवं प्रशासन की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के जिले में अनुसूचित जाति की एक नाबालिग खिलाड़ी के साथ बार—बार दुष्कर्म किया जाता रहा और किसी को इस बारे में भनक तक नहीं लगी। पीड़िता के साथ पांच साल तक दुष्कर्म किया जाता रहा। उसके साथ कई बार सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। इस मामले में 64 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने यौन उत्पीड़न के इस मामले को लेकर कुल 31 एफआईआर दर्ज की हैं। एक एफआईआर तिरुअनंतपुरम में और 30 पत्तनमथिट्टा में दर्ज की गई हैं। एसआईटी ने अब तक 44 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। केरल की इस खिलाड़ी ने कोच, वरिष्ठ खिलाड़ियों समेत 64 लोगों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि उसे 13 साल की उम्र से ऐसी दरिंदगी झेलनी पड़ी। वह दो महीने पहले ही 18 वर्ष की हुई है। इस मामले में दो आरोपी फरार हो गए हैं। उनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। मामले की जांच कर रही डीआईजी एस. अजीता बेगम ने बताया कि दो आरोपी फरार हैं। वे फिलहाल विदेश में हैं। हम उनके लिए फरार का नोटिस जारी करने पर विचार कर रहे हैं।

कैसे सामने आया मामला

यह मामला बाल कल्याण समिति द्वारा आयोजित काउंसलिंग के दौरान सामने आया था। दरअसल उस नाबालिग खिलाड़ी का अजीब सा व्यवहार में देखकर उसके शिक्षकों ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को जानकारी दी। वहां से आए अधिकारी ने पीड़िता से इस संबंध में बातचीत की। उसने अपने साथ जो बीता, वह सब बताया। पीड़िता का कहना था कि उसके साथ पांच साल तक यौन शोषण किया गया। अधिकारी ने पत्तनमथिट्टा जिले की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद पत्तनमथिट्टा सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष एन. राजीव ने भी पीड़िता से कई बार बात की और इस संबंध में रिपोर्ट तैयार की।

मामले की जांच कर रही पुलिस की एसआईटी ने जांच में पाया कि पीड़ित लड़की दो महीने पहले ही 18 साल की हुई है। उसका 13 साल की उम्र से ही यौन शोषण हो रहा था। आरोपियों में उसका खेल प्रशिक्षक, सहपाठी और साथी खिलाड़ी भी हैं। एसआईटी का नेतृत्व पुलिस उप-अधीक्षक और निगरानी जिला पुलिस प्रमुख के पास है। एसआईटी में महिला कर्मियों सहित 30 अधिकारी शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की तरफ से लगातार पीड़िता की मदद की जा रही है ताकि उसकी मन:स्थिति ठीक हो सके। वह पांच साल तक लगातार वह इस दर्द को झेलती रही। इसके चलते वह गहरे सदमे में है।

आयोग ने की फांसी देने की मांग

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सभी आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है क्योंकि जब पीड़िता का यौन उत्पीड़न हुआ तब वह नाबालिग थी। पॉक्सो के तहत दर्ज होने वाले ऐसे मामलों में फांसी की सजा दिए जाने का भी प्रावधान है। आयोग ने इस संबंध में पुलिस से विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है।

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