कुरान जलाते रासमस पालुदन
‘रासमस पालुदन’ ये वो नाम है, जो कि यूरोप में बहुत ही कुख्यात है। कुख्यात इसलिए, क्योंकि वो कुरान जलाकर अपने ही अंदाज में इस्लामी कट्टरपंथ का विरोध करते हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से इन्होंने डेनमार्क में तुर्की के दूतावास के बाहर कुरान जलाकर ईराकी नागरिक सलवान मोमिका को श्रद्धांजलि दी है।
रासमस पालुदन डेनिश नागरिक और राजनेता हैं। पालुदन धुर दक्षिणपंथी विचारधारा का पालन करते हैं। वे एक राजनेता होने के साथ ही एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। पालुदन की एक पार्टी भी है, जिसका नाम स्ट्रैम कुर्स यानि की हार्ड लाइनर है। इसे 2017 में ही शुरू करने के बाद पालुदन चर्चा का विषय बन गए थे। 38 वर्षीय पालुदन अपने इस्लाम विरोधी मानसिकता के लिए जाने जाते हैं। वैसे तो वे अप्रवासियों को देश से बाहर करने की वकालत करते हैं, लेकिन सबसे अधिक विरोध वो इस्लामवादियों का करते हैं।
पालुदन के इसी मुखर विरोध के चलते यूरोप के ही कई देश उन पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। इन देशों को लगता है कि अगर पालुदन उनके क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं और इस्लामवादियों के खिलाफ माहौल बिगड़ सकता है, हिंसा शुरू हो सकती है। ऐसा हुआ भी है। पालुदन के बयानों के चलते हाल के वर्षों में स्वीडन लिकोपिंग, माल्मों नारकोपिंग जैसे कई शहरों में दंगे हो चुके हैं। ऐसे में कई देश उनसे बचकर रहना उचित समझते हैं।
हालात, ये है कि रासमस पालुदन के आपराधिक इतिहास को देखते हुए उनके वकालत करने पर भी रोक लगाई जा चुकी है।
बता दें कि ईराकी नागरिक सलवान मोमिका की 30 जनवरी को हत्या कर दी गई थी। रासमस पालुदन की तरह मोमिका भी इस्लामी कट्टरपंथ के मुखर विरोधी थे। उन्होंने ने भी कई बार कुरान को जलाया था। मोमिका की हत्या के बाद रासमस पालुदन ने मोमिका को कुरान जलाकर ही श्रद्धांजलि दी है।
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