परमार्थ निकेतन के तत्वावधान में कुंभ मेला क्षेत्र में आयोजित ‘संस्कृति कुंभ’ का भव्य शुभारंभ 04 फरवरी 2025 को स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती के प्रेरक उद्बोधनों से हुआ। उद्घाटन सत्र में स्वामीजी ने भारतीय संस्कृति के व्यापक आयामों पर प्रकाश डालते हुए इसके मूल उद्देश्यों को रेखांकित किया।
आज, 05 फरवरी को प्रथम सत्र का शुभारंभ स्वामी चिदानंद सरस्वती के आशीर्वचन से हुआ, जिसमें उन्होंने कुंभ को केवल धार्मिक आयोजन न मानते हुए भारतीय जीवन दर्शन, संस्कृति और अध्यात्म का प्रतीक बताया। साध्वी भगवती सरस्वती ने अपने उद्बोधन में सनातन संस्कृति को समस्त समस्याओं का समाधान बिंदु बताते हुए इसकी आध्यात्मिक एवं सामाजिक प्रासंगिकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता जे. साई दीपक ने भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विश्व की अनेक सभ्यताओं ने भारतीय ज्ञान परंपरा को अपनाकर अपने आप को बेहतर बनाया है। जब भी भारत की बात होती है, महाकुंभ की चर्चा अवश्य होनी चाहिए, क्योंकि यह आयोजन भारत की विशाल क्षमता और व्यवस्थापन कौशल का प्रतीक है।
दीपक ने कहा- हमें भारतीय मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए, न कि किसी अन्य राष्ट्र की नकल करनी चाहिए। भारत को “चीन” नहीं बनना है, भारत को “भारत” ही बने रहकर अपने मूल्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जे. साई दीपक के इस वक्तव्य ने संस्कृति और संविधान के सह-अस्तित्व पर एक महत्वपूर्ण विमर्श प्रस्तुत किया और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
संस्कृति कुंभ में विशेष अतिथि के रूप में बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने अपने विचार व्यक्त किए और राष्ट्र निर्माण में संस्कृति की भूमिका को रेखांकित करते हुए युवाओं से देश के उत्थान में सहयोग देने का आह्वान किया। भारत सरकार के राज्य ऊर्जा मंत्री श्रीपाद नायक और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव, नगर विकास, अमृत अभिजात ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं एवं सरकार द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।
आज के आयोजन में कुल चार सत्रों के दौरान 12 विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रत्येक सत्र में विशेषज्ञों ने भारतीय संस्कृति, धर्म, इतिहास और समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहन विमर्श किया, जिससे संस्कृति कुंभ का बौद्धिक और आध्यात्मिक महत्व और अधिक समृद्ध हुआ। सभी अतिथियों का स्वागत आयोजन मंडल के क्यूरेटर और प्रोड्यूसर शैफाली वैद्य, शांतनु गुप्ता एवं पुष्कर शर्मा ने किया, जबकि संयोजन में शंख सोसाइटी ने सहयोग प्रदान किया। संस्कृति कुंभ में देश-विदेश के विद्वान, संत-महात्मा एवं शोधार्थी भारतीय संस्कृति, धर्म, अध्यात्म और कुंभ पर अपने विचार प्रस्तुत कर रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना और समकालीन संदर्भों में इसकी प्रासंगिकता पर विमर्श करना है।
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