दुनिया में हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। महाकुंभ में बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर 1 करोड़ से भी अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। वहीं, मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ पर सियासत भी जारी है। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ मेले पर विवादित बयान दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में गंगा के जल को सबसे अधिक दूषित बताया।
समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन कहती हैं, “इस समय सबसे ज्यादा दूषित पानी कहां है? कुंभ में है, उसके लिए कोई सफाई नहीं दे रहे। (भगदड़ में मरने वालों के) शव जो नदी में फेंक दिए हैं, उससे पानी दूषित हो गया है। यही पानी लोगों तक पहुंच रहा है। असली मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा है। बस आईवॉश किया जा रहा है। वीआईपी लोगों को कुंभ में विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि गरीब और आम लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।” जया बच्चन ने सरकार द्वारा जारी किए गए उन आंकड़ों को भी झूठा बताया।
सपा सांसद के विवादित बयान पर काफी आक्रोश दिखा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सोनू निगम के अधिकारिक अकाउंट से लिखा गया, “जया बच्चन जी ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। अमिताभ जी, इन्हें किसी अच्छे डॉक्टर से दिखाइए।”
वरीश कुमार एक्स पर लिखते हैं कि समाजवादी पार्टी की महिला सांसद जया बच्चन ने हिंदू धर्म को अपमानित करते हुए बेशर्मी भरा बयान दिया है कि कुंभ की वजह से प्रयागराज में पानी सबसे ज्यादा दूषित है। लोग नहा रहे हैं। लोगों की बॉडी वहां फेंकी जा रही है।
डॉ. रमाकांत राय ने लिखा, “मैं कभी जया भादुड़ी का बहुत सम्मान करता था। वह मासूम और निश्छल अभिनेत्री लगती थीं। उनका हंसना, रोना, बोलना और चलना जैसे सब कुछ मोहक था। पिछले कुछ दिनों से वह चिड़चिड़ी और कर्कश दिख रही थीं, किंतु आज महाकुंभ 2025 के संबंध में इस तरह की झूठी और दुष्प्रचार करने वाली बात करने के बाद वह मन से उतर गई हैं। दलगत राजनीति में किसी को इतना नीचे नहीं जाना चाहिए। अमिताभ बच्चन भी क्षमा मांगें तो भी वह पाप मुक्त नहीं हो सकेंगी।”
साधना सक्सेना ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, “इसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। जिस महाकुंभ में दुनिया भर की मीडिया मौजूद है उन्हें यह नहीं दिखा। अगर लाशें फेंकी गई होतीं तो वो पानी में फूलकर ऊपर आ जातीं और दुनिया भर के लोगों को दिखाई भी देती। लेकिन इस… घर में बैठे-बैठे त्रिवेणी में लाशें दिख गई। इन लाल टोपी वालों को बिना सिर पांव की बातें सिर्फ बोलना आता है, लेकिन सबूत नहीं दिखा सकते हैं।”
@सोलफैक्ट्स नाम के अधिकारिक अकाउंट से लिखा गया, “यह… महिला जया बच्चन, जिसने कभी चुनाव नहीं लड़ा और जिसका जमीनी जुड़ाव, मां गंगा में गहरी आस्था रखने वाले हिंदुओं की आध्यात्मिक भावनाओं से कोई संबंध नहीं है। वह खुलेआम (यह कहकर कि पानी शवों से दूषित है) महाकुंभ के दौरान पवित्र गंगा में स्नान करने वाले लाखों लोगों की आस्था का अपमान कर रही है। यह हिंदू विरोधी घृणा है, जिसका उद्देश्य आस्था का मजाक उड़ाना और लोगों को भड़काना है।”
गौरतलब है कि इससे पहले भी जया बच्चन पैपराजी के साथ बदसलूकी करने पर यूजर्स के निशाने पर आ चुकी हैं।
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