Budget-2025-26: रक्षा सुधारों के अनुरूप एक रक्षा बजट
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम रक्षा

Budget-2025-26: रक्षा सुधारों के अनुरूप एक रक्षा बजट

इस वर्ष, रक्षा मंत्रालय (एमओडी) को 6,812,10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष रक्षा के लिए परिव्यय 6,21,940 करोड़ रुपये था।

by लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास,पीवीएसएम, बार टू एसएम, वीएसएम ( सेवानिवृत)
Feb 3, 2025, 09:38 am IST
in रक्षा, विश्लेषण
Indias Defence budget

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

Budget-2025-26:  वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को प्रस्तुत आम बजट के हिस्से के रूप में, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा के आवंटन में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 9.5% की बड़ी वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष, रक्षा मंत्रालय (एमओडी) को 6,812,10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष रक्षा के लिए परिव्यय 6,21,940 करोड़ रुपये था। माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बजट की सराहना की है, जिसका उद्देश्य आधुनिकीकरण, स्वदेशीकरण (आत्मनिर्भरता) और सेवारत और पूर्व सैनिकों का कल्याण करना है। कुल मिलाकर, नया रक्षा बजट इस साल 1 जनवरी को रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रतिपादित रक्षा सुधार 2025 से प्राप्त लाभों को समर्थन देने और अधिकतम करने के लिए संरेखित है।

सबसे पहले, कुछ आंकड़े। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में, रक्षा बजट सिर्फ 1.9 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। हमें याद रखना चाहिए कि जीडीपी के मामले में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसलिए 1.9% भी बहुत बड़ी राशि होती है।

सबसे अधिक सैन्य खर्च स्पष्ट रूप से अमेरिका द्वारा सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% है, इसके बाद चीन सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.0% (घोषित और वास्तविक रक्षा व्यय के अनुमानों के आधार पर), रूस सकल घरेलू उत्पाद का 5.9%, भारत 1.9% पर चौथे स्थान पर है और सऊदी अरब सकल घरेलू उत्पाद का 7.1% पर पांचवें स्थान पर है। अपनी अर्थव्यवस्था की बुरी स्थिति को देखते हुए, पाकिस्तान अभी भी रक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 2.9% खर्च करता है।

भारत की भूमि सीमा लगभग 15,200 किमी और तट रेखा 7517 किमी है। पश्चिम में पाकिस्तान और उत्तर और पूर्व में चीन के रूप में दो ज्ञात विरोधियों के साथ, भारत को मजबूरन एक बड़ी सशस्त्र सेना रखनी होगी, जिनकी संख्या लगभग 14 लाख है, जिसमें सेना का बड़ा हिस्सा लगभग 12 लाख है। चीन के पास 20 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों के साथ सबसे बड़ी सेना है; भारतीय सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। इसलिए, इतने बड़े भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए, वार्षिक व्यय को दुनिया के बाकी हिस्सों के हालात के साथ तालमेल रखना होगा। भारत को अपने निकट की सुरक्षा चुनौतियों के अलावा देश-विदेश की स्थिति पर विशेष ध्यान देना होगा।

अब हम प्रमुख शीर्षों में रक्षा बजट के हिस्से को देखते हैं। सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए 1.80 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 5% अधिक है। राजस्व बजट जो वेतन और भत्ते, ईंधन, गोला-बारूद और रखरखाव के लिए है, उसे 3.11 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% से अधिक है। रक्षा पेंशन 1.61 लाख करोड़ है, जो लगभग 34 लाख सैन्य और  रक्षा कर्मचारियों के पेंशन लाभ का समर्थन करता है। सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना में और सुधार किया है जो पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। रक्षा बजट में डीआरडीओ के लिए 26,817 करोड़ रुपये, भारतीय तटरक्षक बल के लिए 9677 करोड़ रुपये, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए 7146 करोड़ रुपये और पूर्व सैनिक कल्याण योजना के लिए 8313 करोड़ रुपये शामिल हैं। यहां तक कि अखिल भारतीय उपस्थिति वाले एनसीसी के पास 2900 करोड़ रुपये का एक बड़ा आवंटन है, जिसे आंशिक रूप से राज्य सरकारों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। इस प्रकार, रक्षा बजट सैनिकों, सेवानिवृत्त सैनिकों, युद्ध की सामग्री और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक स्वस्थ मिश्रण है।

अभी चल रहे और भविष्य के सुधारों को गति देने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025 को भारत में ‘रक्षा सुधारों का वर्ष’ घोषित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। रक्षा क्षेत्र में नौ प्रस्तावित सुधार हैं: थिएटर कमांड की स्थापना के लिए मजबूत संयुक्तता और एकीकरण, साइबर, अंतरिक्ष, रोबोटिक्स और एआई के नए डोमेन पर ध्यान केंद्रित करना, अंतर-सेवा सहयोग और प्रशिक्षण, क्षमता विकास के लिए तेजी से अधिग्रहण प्रक्रिया, रक्षा उत्पादन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सहयोग और प्रभावी नागरिक-सैन्य समन्वय, रक्षा निर्यात, पूर्व सैनिकों का कल्याण और उनकी विशेषज्ञता का लाभ उठाना और अंत में भारत की भावना, संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देना जो राष्ट्र की सुरक्षा के अनुकूल हों।

नौ प्रस्तावित सुधारों में मोदी सरकार का सबसे ज्यादा फोकस स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर के साथ सशस्त्र सेनाओं की क्षमता विकास पर है। तदनुसार, 1,80,000 करोड़ रुपये यानी कुल रक्षा बजट आवंटन का लगभग 26% पूंजी कैपिटल हेड शीर्ष के लिए निर्धारित किया गया है। कैपिटल हेड के पैसे से सशस्त्र सेनाओं को अत्याधुनिक हथियारों, गोला-बारूद और उपकरणों से लैस किया जाएगा जो उन्हें तकनीकी रूप से उन्नत आधुनिक लड़ाकू बल में बदल देंगे। यहां भी 75 प्रतिशत आधुनिकीकरण घरेलू क्षेत्र के माध्यम से खरीदने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। निजी रक्षा उद्योग के समर्थन और अनुसंधान एवं विकास में निवेश के साथ, रक्षा निर्यात इस वित्तीय वर्ष में 50, 000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। नए रक्षा सचिव, श्री राजेश कुमार सिंह, आईएएस ने पिछले साल 1 नवंबर को नियुक्ति ग्रहण की है और इस प्रकार वह रक्षा सुधारों की शुरुआत करने और सशस्त्र सेनाओं के महत्वपूर्ण क्षमता विकास के निर्माण में निरंतरता प्रदान करेंगे।

रक्षा बजट वित्त वर्ष 2025-26 में कुल बजटीय परिव्यय का 8% है। प्रस्तावित रक्षा सुधार कुछ और वर्षों के लिए पूंजी गहन होने जा रहे हैं और इस प्रकार रक्षा बजट में वृद्धि प्रस्तावित सुधारों के अनुरूप है। रक्षा बजट पर लगभग 6.8 लाख करोड़ रुपये का आवंटन देश में कुल जीएसटी संग्रह के चार महीने के बराबर है। सतही तौर पर यह आवंटन आम नागरिक को अधिक लग सकता है। लेकिन मैं हमारे देश के नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए बीमा प्रीमियम के रूप में देखें। इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र सेनाएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। इस प्रकार, रक्षा बजट देश के हर कोने में आनुपातिक लाभांश के साथ देश के सर्वांगीण विकास में सुनियोजित तरीके से खर्च किया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्तमान बजट को विकसित भारत @ 2047 बनाने की दिशा में ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ कहा है । फोर्स मल्टीप्लायर एक सैन्य शब्द है जिसका अर्थ है एक क्षमता या बल जो सेना की प्रभावशीलता को काफी बढ़ाता है, जिससे उन्हें कम के साथ बहुत अधिक हासिल करने की काबलियत मिलती है। उदाहरण के लिए, हमारी अपनी ब्रह्मोस मिसाइल ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ है। प्रस्तावित रक्षा बजट भारतीय रक्षा सेनाओं के लिए जमीन, वायु और समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए एक फोर्स मल्टीप्लायर होने जा रहा है। भारतीय रक्षा सेनाओं को यह बजट बहु-डोमेन, एकीकृत संचालन में सक्षम, तकनीकी रूप से उन्नत, आधुनिक युद्ध के लिए तैयार और बलशाली बनाएगा, जिससे भारत  की सीमाओं और वैश्विक हितों को भी सुरक्षित किया जा सके। जय भारत !

Topics: देश का रक्षा बजटCountry's Defence BudgetभारतRajnath Singhराजनाथ सिंहरक्षाDefencefinance minister nirmala sitharamanIndiaवित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Donald trump want to promote Christian nationalism

भारत-पाकिस्तान में Cease Fire : जानिए क्या बोले राष्ट्रपति Donald Trump..?

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies