Muslims opposing Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार, योग का हिस्सा है जो कि तन मन को चुस्त दुरुस्त रखने का काम करता है। इसके साथ ही यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। राजस्थान सरकार प्रदेश के स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करने जा रही है, जिसके खिलाफ एक बार फिर से कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों ने विरोध शुरू कर दिया है। 3 फरवरी को सरकार सूर्य नमस्कार सप्तमी मनाने जा रही है।
प्रदेश के भजनलाल शर्मा सरकार ने इस तिथि को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के स्कूलों में 3 फरवरी को सूर्य नमस्कार को आवश्यक करार दे दिया है। सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद करने के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार करने का ऐलान किया है। ये कार्यक्रम में सुबह 10.15 बजे प्रदेश के सभी स्कूलों में शुरू होगा।
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इस दौरान करीब 20 मिनट तक सभी विद्यार्थी सूर्य नमस्कार करेंगे। कार्यक्रम के दौरान सभी छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। इसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। ऐसा करके सरकार अपने ही पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त करने की तैयारी में है। दरअसल, पिछले सत्र के दौरान राजस्थान के 78,974 स्कूलों के छात्रों ने एक साथ सूर्य नमस्कार करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
क्यों बिलबिला उठे मुस्लिम संगठन
वहीं सरकार के इस फैसले राजस्थान के कुछ मुस्लिम संगठन भड़के हुए हैं। राजस्थान मुस्लिम फोरम अपनी भड़ास निकालते हुए कहता है कि व्यायाम के बहाने शिक्षण संस्थाओं के जरिए दूसरे मजहबों पर एक संस्कृति को थोपने की कोशिश की जा रही है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ मंसूरी तेली महापंचायत, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल-राजस्थान, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और राजस्थान मुस्लिम मंच विरोध कर रहे हैं।
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