छत्तीसगढ़

गरियाबंद आईडी विस्फोट : एनआईए ने माओवादी सहयोगियों को किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हुए आईडी विस्फोट मामले में एनआईए ने दो नक्सली सहयोगियों को गिरफ्तार किया। हमले में आईटीबीपी हेड कांस्टेबल बलिदान हुए थे। एनआईए जांच जारी।

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WEB DESK

गरियाबंद/रायपुर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के बड़े गोबरा गांव में आईडी विस्फोट को अंजाम देने वाले नक्सलियों के दो सहयोगियों को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों ओवर ग्राउंड सहयोगियों का नाम धनेश ध्रुव उर्फ गुरुजी और रामस्वरूप मरकाम बताया गया है। जांच में पता चला कि दोनों आरोपी धनेश राम ध्रुव और रामस्वरूप मरकाम माओवादी आतंकियों को आईईडी बनाने के लिए जरूरी सामग्री और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करवा रहे थे। फिलहाल गिरफ्तार किये गए दोनों सहयोगियों से पूछताछ की जा रही है।

अधिकारिक सूत्रों ने आज जानकारी दी कि इस वारदात को 17 नवंबर 2023 को अंजाम दिया गया था। नक्सलियों ने यह विस्फोट उस समय किया था, जब मतदान दल, मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद बड़े गोबरा गांव से लौट रहा था। इस हमले में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के एक हेड कांस्टेबल बलिदान हो गए थे।। एनआईए की जांच के अनुसार राज्य में विधानसभा चुनावों के बहिष्कार के आतंकवादी संगठन के आह्वान के बाद सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके और मनोज और विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य सत्यम गावड़े ने हमले की योजना बनाई थी। बड़े गोबरा और छोटे गोबरा गांवों के ओजीडब्ल्यूएस के समर्थन से सीपीआई (माओवादी) के गोबरा दलम के कैडरों ने विस्फोट किया था।

उक्त मामले में मैनपुर थाना में दर्ज मामले को 22 फरवरी 2024 को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था। एजेंसी ने दिसंबर 2024 में आरसी-05/2024/एनआईए-आरपीआर मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

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