Violence again women in UK: विकसित देशों की श्रेणी में आने वाला ब्रिटेन महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा पर पर्दा डालकर महिला अपराधों को एक प्रकार से बढ़ावा देने के मामले को लेकर आजकल चर्चा में है। वहां पर पाकिस्तानी और अन्य मुस्लिम देशों के ग्रूमिंग गैंग के द्वारा जिस तरह से सैकड़ों की संख्या में लड़कियों के साथ रेप की घटनाओं को कथित इमेज के नाम पर दबाया गया। इसको लेकर कीर स्टार्मर सरकार की खासी आलोचना भी होती है। इस बीच एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वहां पर सरकार के महिलाओं को लेकर किए गए वादे कभी भी धरातल पर नहीं उतरे, जिसके चलते “महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की ये महामारी” बदतर हो गई है।
द गॉर्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, यूके के व्हाइटहाल के एक व्यय निगरानीकर्ता के द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा (VAWG) को लेकर राष्ट्रीय लेखा परीक्षा कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि इंग्लैंड और वेल्स में 12 महिलाओं या लड़कियों में से एक महिला हिंसा की घटनाओं से पीड़त है। पिछली सरकार ने इसको लेकर 2021 में एक समीक्षा की थी, जिसमें पता चला था कि सरकार के द्वारा अपनाई जा रही नीतियों का महिला हिंसा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
यूके में लड़कियों के खिलाफ हाल के दिनों में बढ़ी हिंसा की घटनाओं पर कॉमन्स पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के अध्यक्ष सर जेफ्री क्लिफ्टन ब्राउन कहते हैं कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा पर सरकार का दृष्टिकोण बहुत ही खराब है, जिस कारण से कभी भी इस मामले में बेहतर परिणाम मिले ही नहीं। हालात तो ये हैं कि ब्रिटेन के होम डिपार्टमेंट को ये तक नहीं पता कि किस जगह पैसे खर्च किए जा रहे हैं और उनसे कितना प्रभाव पड़ता है।
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कीर स्टार्मर की सरकार में बढ़ी महिला हिंसा
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। ये बढ़ोत्तरी 2022-23 की तुलना में 20 फीसदी अधिक है। वैसे तो कीर स्टार्मर 10 साल के अंदर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को आधा करने का वादा करते हैं, लेकिन उनके ही कार्यकाल में लड़कियों के साथ हिंसा की घटनाएं कुछ और ही बयां करती हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्रिटेन में महिलाओं के खिलाफ हिंसा साल दर साल बढ़ रही है। यह 2022-23 में कुल आबादी का 3.4% थी, जो अगले ही साल 2023-24 में बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई। हालांकि, घरेलू हिंसा की घटनाएं जरूर 9.2 से घटकर 7.4 फीसदी हो गई थी।
वहीं इसी अवधि की बात करें तो केवल ऐसे मामले जिनमें पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की है वे 34,000 से बढ़कर 123,000 हो गए हैं। इनमें अभी भी एक बड़ा आंकड़ा ऐसा है, जिसमें पुलिस में शिकायत ही दर्ज नहीं हुई। महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा में छेड़छाड़, रेप, ग्रूमिंग गैंग, हत्या जैसे मामले शामिल हैं।
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