चंडीगढ़ (हि.स.) । चंडीगढ़ की राजनीति में गुरुवार को बड़ा उलटफेर हो गया। पूर्ण बहुमत के बावजूद यहां मेयर पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी गठबंधन हार गया, जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जीत गईं। यहां भाजपा की हरप्रीत कौर ने कांग्रेस व आआपा गठबंधन प्रत्याशी प्रेम लता को दो वोट से हराया।दिल्ली चुनाव से पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में इस हार काे कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है।
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 36 वोट हैं। जिनमें 35 पार्षद जनता ने चुने हैं। यहां एक वोट सांसद का भी है। इस समीकरण के अनुसार जीत के लिए 19 वोट की जरूरत थी। निगम में इस समय भारतीय जनता पार्टी के 16, आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के छह पार्षद हैं।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक पूर्व न्यायाधीश जयश्री ठाकुर की मौजूदगी में चुनाव अधिकारी रमणीक सिंह बेदी ने मतदान प्रक्रिया शुरू करवाई। सबसे पहले चंडीगढ़ से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने अपना वोट डाला। इसके बाद अन्य पार्षदों ने मत डालें। यहां भाजपा की मेयर पद प्रत्याशी हरप्रीत कौर बबला को 19 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी व कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी प्रेम लता को 17 वोट मिले। सदन में बहुमत न होने के बावजूद भाजपा को क्रास वोटिंग का लाभ मिला और भाजपा अपना मेयर बनाने में कामयाब हो गई।
इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर पद के चुनाव भाजपा की बिमला दुबे को 17 तो आआपा व कांग्रेस गठबंधन के जसबीर सिंह बंटी को 19 वोट मिले। इसी प्रकार डिप्टी मेयर पद के लिए भाजपा के लखवीर सिंह बिल्लू को 17 तो कांग्रेस व आआपा गठबंधन की तरुणा मेहता को 19 वोट मिले। चुनाव अधिकारी रमणीक सिंह मेयर पद के लिए भाजपा की हरप्रीत कौर बबला, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए कांग्रेस व आआपा गठबंधन के जसबीर सिंह बंटी तथा डिप्टी मेयर के लिए तरुणा मेहता को विजयी घोषित किया।
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