2021 में कैपिटल हिल हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेसबुक अकाउंट को सस्पेंड करने के मामले में मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग झुक गए हैं। अब जकरबर्ग डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कंपनी के खिलाफ दायर मुकदमे को सुलझाने के लिए 25 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का फैसला किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले से जुड़े तीन लोगों ने इसकी पुष्टि की है। कहा जा रहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चल रहे केस का निपटारा करने का किसी कंपनी का ये सबसे नवीनतम उदाहरण है। इसके पीछे की वजहों को लेकर दावा किया जाता है कि अब मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग एक बार फिर से अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ मिलकर नए ट्रंप प्रशासन के साथ अपने संबंधों को सुधारने की कोशिशें कर रहा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, कई मौकों पर प्रतिद्वंदियों से बदला लेने की धमकी दे चुके हैं। ऐसे में उन पर एक्शन लेने वाली कंपनियां उनके साथ अपने रिश्तों को सुधारना चाहती हैं। मामले से जुड़े लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर अखबार को बताया कि इस समझौते के तहत कुल 22 मिलियन डॉलर की राशि को एक एनजीओ को दिया जाएगा और बाकी के तीन मिलियन डॉलर की राशि को मुकदमे के दौरान हुए लीगल खर्चों के निपटारे के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दावा किया जा रहा है जिस एनजीओ को ये 22 मिलियन दिए जाने हैं, भविष्य में ट्रंप की प्रेसीडेंट लाइब्रेरी बनेगी।
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गौरतलब है कि वर्ष 2021 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेट चुनाव जीत गई थी। लेकिन, ट्रंप समर्थकों ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कैपिटल हिल में घुस गए। वहां उन्होंने तोड़फोड़ की। हालांकि, इसमें सीधे तौर पर ट्रंप शामिल तो नहीं थे, लेकिन उन्हें ही इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए फेसबुक (मेटा), ट्विटर ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया था।
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