मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मुस्लिम समाज ने एक गंभीर समस्या को लेकर सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। यह समस्या खास तौर पर कब्रिस्तानों की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण से जुड़ी है, जहां कुछ लोग अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इस अतिक्रमण के कारण शव दफनाने में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
समाज के लोग मानते हैं कि वक्फ बोर्ड, जो इन कब्रिस्तानों की देखरेख का जिम्मेदार है, अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड और स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इस स्थिति के मद्देनजर मुस्लिम समाज ने वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग उठाई है और सांसद भारत सिंह कुशवाहा से मामले में मदद की गुहार लगाई है।
ग्वालियर के थाटीपुर और अन्य क्षेत्रों में कब्रिस्तानों की जमीन पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। कुछ लोगों ने तो कब्रिस्तान के भीतर झुग्गियां और झोपड़ियां तक बना ली हैं, जिससे यहां शव दफनाने में असुविधा हो रही है। इन अतिक्रमणकारियों का विरोध करना स्थानीय लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है, क्योंकि अतिक्रमणकारी अक्सर इस पर आपत्ति जताते हैं और विवाद उत्पन्न करते हैं।
मुस्लिम समाज के लोग वक्फ बोर्ड से उम्मीद रखते हैं कि वह इस प्रकार के अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करेगा और कब्रिस्तानों की सही देखरेख करेगा। हालांकि, समाज का कहना है कि कई बार शिकायतें की गईं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। इस असंतोष के चलते उन्होंने वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग की है।
समाज ने अपनी शिकायतें ग्वालियर के भाजपा सांसद भारत सिंह कुशवाहा के समक्ष भी रखी हैं। सांसद ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। सांसद की ओर से किए गए आश्वासन ने मुस्लिम समाज कोराहत दी है।
इस बीच, संसद में वक्फ (संशोधन) बिल पर चर्चा हो रही है। इस बिल में वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है। इस बदलाव को संसद की संयुक्त समिति ने मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह बदलाव कब्रिस्तान के अतिक्रमण जैसे मुद्दों से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है, लेकिन यह वक्फ बोर्ड के कार्यों में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने की दिशा में एक कदम हो सकता है।
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