देहरादून: मुख्य सेवक सदन में आज बहुप्रतीक्षित उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का लोकार्पण कर दिया गया। इसी के साथ यह प्रदेश में लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पोर्टल और नियमावली दस्तावेजों को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि आज संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर का सपना इस देवभूमि उत्तराखंड राज्य ने पूरा किया।
श्री धामी ने कहा कि UCC के लागू हो जाने से महिलाओं को उनके बराबरी के अधिकार मिलेंगे। अब किसी भी धर्म की बेटी का बाल विवाह नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यूसीसी का विरोध वही लोग करते हैं जो इस देश के संविधान में विश्वास नहीं रखते। श्री धामी ने कहा कि देश की सभी शीर्ष अदालतों ने समान नागरिक संहिता की पैरवी करते हुए सरकार को ये निर्देशित किया हुआ है कि इसे शीघ्र अति शीघ्र लागू किया जाए। इसी क्रम में पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तराखंड राज्य में इसे लागू किया है और इसे अन्य बीजेपी शासित राज्य भी लागू करेंगे। इस अवसर पर मंत्रिमंडल सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी, विधायक आदि भी मौजूद रहे।
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ऐप करना होगा डाउनलोड
UCC के लिए उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक और परिवार का इसमें पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। अब जन्म मृत्यु, विवाह पंजीकरण, लिव इन रिलेशन संबंधी पंजीकरण भी इसी ऐप के माध्यम से होंगे। ऐप को आधार कार्ड, पैन कार्ड के जरिए लिंक किया गया है, जिससे सभी संपत्तियों का इसमें ब्यौरा मिल जाएगा, जो कि वसीयत, संपत्ति आदि के निस्तारण में मददगार साबित होगा।
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उधर देश भर में बीजेपी शासित राज्यों में उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने को लेकर सकारात्मक बयान आने शुरू हो गए हैं। बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहजाद पूनावाला ने कहा है कि यूसीसी लागू करने पर उत्तराखंड राज्य सरकार को बधाई। आज डॉ अंबेडकर ने जो संविधान में कहा वो अधूरा काम आज पूरा हो गया। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साओ ने कहा कि उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य है, हम इसका अध्ययन करेंगे और अपने यहां भी लागू करेंगे।
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