देश में वक्फ बोर्ड की मनमानियों पर रोक लगाने के लिए लाए गए वक्फ संशोधन विधेयकर-2024 के लिए गठित संसद की ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने इसके ड्राफ्ट में 572 संशोधन सुझाए हैं। इसमें से 14 सुझावों को जेपीसी ने मंजूरी दे दी है। हालांकि, फिर भी विपक्ष एकमत होकर वक्फ बिल का ही विरोध कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में रविवार की देर रात को इस मामले में अंतिम सुनवाई की गई। इसके बाद अब संशोधनों की समेकित लिस्ट को समिति ने जारी कर दिया है। आज इस मामले पर जेपीसी की बैठक हुई। जिसमें जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में 44 सुझावों पर प्रत्येक क्लॉज के हिसाब से चर्चा हुई। विपक्ष की ओर से भी कई सारे सुझाव दिए गए थे, जिनमें तार्किकता नहीं होने के कारण उन्हें नकार दिया गया। अब आगामी बजट सत्र के दौरान जेपीसी इस रिपोर्ट को संसद की पटल पर रखेगी।
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इस बिल को पहले संसद के शीतकालीन सत्र में सदन में पेश किया गया था। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे संसद की पटल पर रखा। इसके बाद 8 अगस्त को ही इसे जेपीसी को भेज दिया गया। इस दौरान तब से जेपीसी की टीम लगातार देश भर में मुस्लिमों से इसको लेकर उनकी राय जानने की कोशिशें कर रही थी। उसी के आधार पर इसमें कुछ संशोधन सुझाए गए हैं।
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उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन विधेयक-2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके वक्फ की संपत्तियों कि विनियमन और उसके प्रबंधन को दुरुस्त करना है। बता दें कि वक्फ बोर्ड भारतीय रेलवे और भारतीय सेना के बाद देश में सबसे बड़ा जमीन धारक है, जिसके पास 9 लाख एकड़ से भी अधिक जमीनें हैं।
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