इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोओ सुबिअंतो का भारत दौरा इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ कर्तव्य पथ पर परेड का हिस्सा बनने के बाद, उनका भारत दौरा महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहा। राष्ट्रपति सुबिअंतो ने न केवल भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत बनाने की बात की, बल्कि अपने डीएनए और संस्कृत के बारे में कुछ दिलचस्प विचार भी व्यक्त किए, जो इस दौरे को और भी खास बना गए। राष्ट्रपति सुबिअंतो ने 26 जनवरी को महात्मा गांधी की समाधि, राजघाट पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और डीएनए टेस्ट
शाम को राष्ट्रपति भवन में एक महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान, राष्ट्रपति सुबिअंतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एक दिलचस्प बयान दिया। राष्ट्रपति सुबिअंतो ने कहा कि उनका डीएनए भारतीय है। यह बयान उन्होंने भारतीय संस्कृति और भारत के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को लेकर किया। उनका यह बयान काफी मायने रखता है, क्योंकि इससे यह साफ़ होता है कि वे भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते हैं।
राष्ट्रपति सुबिअंतो का कहना था कि उनकी भाषाई, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ें भारतीय सभ्यता से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने संस्कृत भाषा को लेकर भी अपनी बातें साझा की, यह दर्शाता है कि भारत और इंडोनेशिया के बीच प्राचीन संबंधों की एक लंबी परंपरा रही है। संस्कृत भाषा का प्रभाव इंडोनेशिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकता है, और यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कड़ी है, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को सशक्त बनाती है।
राष्ट्रपति सुबिअंतो ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका भारत दौरा दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊँचाईयों पर ले जाने के लिए है। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा की, जिनमें व्यापार, निवेश, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यावरण संरक्षण जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर बात की गई।
इंडोनेशिया और भारत के बीच सदियों पुरानी सांस्कृतिक और व्यापारिक कड़ी रही है। भारत के साथ सांस्कृतिक संबंधों के कारण ही इंडोनेशिया में हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के प्रभाव का अस्तित्व देखा जाता है। राष्ट्रपति सुबिअंतो ने यह भी उल्लेख किया कि दोनों देशों के बीच बढ़ते रिश्ते से एशियाई महाद्वीप में शांति और समृद्धि के प्रयास को बल मिलेगा।
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