राजस्थान के अजमेर शरीफ में स्थित दरगाह को शिव मंदिर बताते हुए सर्वे की याचिका दायर करने वाले विष्णु गुप्ता पर जानलेवा हमला किए जाने की खबर है। अजमेर से दिल्ली जाते वक्त बाइक सवार बदमाशों में उनकी कार पर गोली चलाई। इस मामले को लेकर गुप्ता का कहना है कि ये हमला मुझ पर सोची समझी साजिश के तहत किया गया है, ताकि मैं इस केस को आगे न बढ़ा सकूं। लेकिन मैं झुकने वाला नहीं हूं।
क्या है पूरा मामला
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कुछ तथ्यों के साथ पिछले साल नवंबर में अजमेर सिविल कोर्ट पहुंचते हैं और वहां एक याचिका लगाते हैं। इसमें वह दावा करते हैं कि जिस स्थान पर अजमेर शरीफ दरगाह है, वह असल में संकट मोचक महादेव शिव मंदिर है। अपने तथ्यों को मजबूती से रखने के लिए उन्होंने 1911 में सेवानिवृत जज हरबिलास सारदा की एक किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला दिया। इसके आधार पर उन्होंने दावा किया कि मंदिर के गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर भी है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अजमेर सिविल कोर्ट ने 27 नवंबर को उनकी इस याचिका को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने मामले में दरगाह कमेटी अजमेर, अल्पसंख्यक मंत्रालय व ASI को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी कर दिया। अब कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 1 मार्च 2025 की तारीख तय कर रखी है। इसी मामले में बार-बार विष्णु गुप्ता को धमकियां दी जा रही हैं।
पहले भी दी गई थी धमकी
विष्णु गुप्ता की अजमेर शरीफ को लेकर याचिका के बाद से लगातार कट्टरपंथियों के द्वारा धमकियां दी जा रही हैं। करीब 3 माह पहले भी विष्णु गुप्ता को व्हाट्सएप के जरिए एक फोन किया गया औऱ सामने से धमकी दी गई कि जीना चाहता है तो केस वापस ले ले। अन्यथा जान से मार देंगे। इसके बाद मामले में पीड़ित ने अजमेर के ही क्रिश्चियनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
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