‘एप्पल’ ऐसा ब्रांड, जिसे हर कोई लेना चाहता है। फिर चाहे वो एप्पल की घड़ी हो या हो रिस्ट बैंड। मशहूर कंपनी एप्पल पर ये आरोप लगे हैं कि वह ऐसे वॉच बैंड बेंच रही है, जिसमें बहुत ही हानिकारक फॉरेवर केमिकल पाए गए हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। कंपनी के वॉच बैंड में इन केमिकल की बहुत ही उच्च मात्रा मिली हुई है। इस मामले में एप्पल के खिलाफ केस दायर हुआ है।
इस खतरनाक केमिकल को पेर एंड पॉली-फ्लोरो एल्काइल पदार्थ (PFAS) भी कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया में हाल ही में एप्पल के खिलाफ इसको लेकर केस दर्ज हुआ है। इस मुकदमे में कहा गया है कि ये खतरनाक केमिकल एप्पल के नाइकी स्पोर्ट्स बैंड, स्पोर्ट बैंड और ओशन बैंड में भारी मात्रा में मौजूद हैं, जिसे कंपनी छुपा रही है। कंपनी दावा करती है कि इन गैजेट्स के निर्माण में फ्लोरोएलास्टोमर है, जबकि बाकी की चीजों को उसने जाहिर ही नहीं किया।
इसीलिए कंपनी के खिलाफ एप्पल के खिलाफ लापरवाही, धोखाधड़ी और कैलिफोर्निया के उपभोक्ता संरक्षण कानून के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2022 में एप्पल ने ये वादा किया था कि वो अपने उत्पादों से पेर एंड पॉली-फ्लोरो एल्काइल पदार्थ (PFAS) को खत्म कर देगी। लेकिन, इस प्रतिबद्धता के बावजूद एप्पल ने अपने उत्पादों को बेचना जारी रखा। हालांकि, एप्पल ने अभी तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
आखिर क्यों खतरनाक है PFAS
फॉरेवर केमिकल यानि कि PFAS का सामान्य तौर पर क्लीनर, कपड़ों, हाई जीन प्रोडक्ट्स और नॉन स्टिक कुकवेयर में इस्तेमाल किया जाता है। दावा किया जाता है कि इस केमिकल के इस्तेमाल से रोगों से लड़ने की क्षमता, गर्भवती महिलाओं और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। असल में फॉरेवर केमिकल जो होता है बायोएक्युलेटिव होता है। यानि कि अगर आप लंबे समय तक इसके संपर्क में रहते हैं तो ये आपके शरीर में चला जाता है औऱ वहां जमा हो जाता है।
लंबे वक्त तक शरीर में रहने के कारण ये कैंसर जैसी घातक बीमारी को बढ़ावा देते हैं। पिछले साल नोट्रे डेम यूनिवर्सिटी में इसको लेकर एक रिसर्च किया गया था, जिसमें एप्पल के कई उत्पादों में इसका स्तर सामान्य से कहीं अधिक पाया गया था।
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