जम्मू कश्मीर के बारामुला संसदीय क्षेत्र से सांसद बने इंजीनियर राशिद को आतंकी फंडिंग के मामले में इतनी आसानी से तो जमानत नहीं मिलने वाली। राशिद इंजीनियर ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर जमानत मांगी है, जिस पर हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी कर उसका पक्ष पूछा है।
मामला कुछ यूं है कि बारामुला से सांसद बने राशिद इंजीनियर का इतिहास अपराध से भरा हुआ है। जम्मू कश्मीर आवामी इत्तेहाद पार्टी के फाउंडर इजीनियर राशिद एक अलगाववादी नेता हैं। इसके अलावा उस पर 2017 में आतंकियों को फंडिग करने के मामले में भी आरोप है। राशिद इंजीनियर को इसी केस में 2019 में एनआईए ने UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
उसने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। राशिद की इस याचिका पर जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने सुनवाई की। उन्होंने अभियुक्त की जमानत याचिका पर शीघ्र फैसला करने के लिए एनआईए को 30 जनवरी से पहले-पहले अपना पक्ष जाहिर करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान राशिद इंजीनियर के वकील हरिहरन ने कोर्ट को बताया कि इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने हमारे मुवक्किल की जमानत याचिका को यह कहा था कि उनके पास एमपी/एमएलए मामलों की सुनवाई का अधिकार नहीं है।
बताया गया कि पिछले साल दिसंबर में एएसजे चंदरजीत सिंह की कोर्ट ने राशिद इंजीनियर की याचिका को खारिज कर दिया था। तभी से उसकी जमानत याचिका लंबित पड़ी हुई है।
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