डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान में हलचल मची हुई है, क्योंकि डोनाल्ड ईरान के परमाणु नीति के प्रखर विरोधी रहे हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस्लामी राष्ट्र से परमाणु हथियार बनाने की जिद को छोड़कर अपने पड़ोसियों और अमेरिका के साथ संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर देने की अपील की है।
गुटेरेस दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर बोल रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ये बातें कही। गुटेरेस ने सुझाव दिया कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित नहीं करने की अपनी स्पष्ट प्रतिबद्धता को दिखाता है तो ही कुछ हो सकता है। यूएन चीफ का मानना है कि ईरान, इजरायल औऱ अमेरिका के बीच का संबंध सबसे प्रासंगिक सवाल है, क्योंकि इन देशों के साथ ईरान के कोई राजनयिक संबंध तो हैं नहीं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के ऐसी टिप्पणी करने के पीछे एक खास वजह है। वो वजह ये है कि हाल ही में सोमवार को ईरान के एक शीर्ष अधिकारी ने एक बयान दिया था। इसमें उसने ये कहा था कि देश की सुरक्षा और वैश्विक खतरों से निपटने के लिए परमाणु बम ही एक मात्र सहारा है। ये बयान देने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंडी थे। इससे पहले भी ईरान के इस्लामिक कट्टरपंथी नेता बार-बार न्यूक्लियर पॉवर की वकालत करते रहे हैं।
अक्तूबर 2024 में जब इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ था, तब भी 39 ईरानी सांसदों ने परणामु हथियार अपनाने की संभावना का पता लगाने का आग्रह किया था। ईरान को भी इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं ट्रंप इजरायल को ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले करने के लिए न कह दें। अगर ऐसा हुआ तो ईरान के लिए खुद को बचा पाना मुश्किल होगा।
उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट में पहले ही इस बात का खुलासा किया जा चुका है कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब है। वह करीब 87 प्रतिशत तक यूरेनियम का संवर्धन कर चुका है। परमाणु हथियार विकसित करने के लिए 90 फीसदी संवर्धित यूरेनियम की आवश्यकता होती है।
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