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क्या भारत लौटेंगे बिना दस्तावेज के अमेरिका में रह रहे 18 हजार भारतीय! ट्रंप के नए आदेश का असर!

भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर चर्चा करके ऐसे भारतीयों को स्वदेश लौटाने पर विचार किया है

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आलोक गोस्वामी

अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिका की सरकार ने जो आंकड़े सामने रखे हैं, उनके हिसाब से साल 2023 में एच—1बी वीसा पाने वाले लोगों की संख्या 3,86,000 थी। इन लोगों में भारतीय की संख्या करीब तीन-चौथाई ही है। लेकिन पिछले महीने बनाई गई अवैध प्रवासियों की सूच में आंकड़ा लगभग 15 लाख के आसपास रहा। इनमें 18 हजार भारतीय ऐसे हैं जो बिना कानूनी कागजों के अमेरिका में रह रहे हैं।


डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के फौरन बाद, एक के बाद एक कई कार्यकारी आदेश पारित किए। उनमें से एक आदेश अवैध प्रवासियों से जुड़ा है। जहां ट्रंप ने अमेरिका की जन्मजात नागरिकता के कानून को खत्म कर दिया है वहीं उन्होंने बिना कानूनी दस्तावेज के अमेरिका में रहते आ रहे अवैध प्रवासियों को भी अल्टीमेटम दे दिया है कि उन्हें स्वदेश लौटना होगा। इस आदेश का सीधा असर उन हजारों भारतीयों पर पड़ने वाला है जिनके पास नागरिकता पाने के दस्तावेज नहीं हैं।

अमेरिकी वेबसाइट ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट है कि उस देश में लगभग 18 हजार ऐसे भारतीय बसे हुए हैं जो वहां की नागरिकता लेने के इच्छुक तो हैं, लेकिन उनके पास जरूरी कागजात नहीं हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट बताती है कि इन भारतीयों, जिनकी संख्या लगभग 18 हजार है, को नागरिकता पाने की उम्मीद बंधी हुई थी लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और अवैध प्रवासियों के ​बारे में नया आदेश पारित होने के बाद इनकी नागरिकता पर तलवार लटक गई है।

तो अब इन 18 हजार भारतीयों का क्या होगा? इनके पास ऐसे दस्तावेज ही नहीं हैं जिनके बल पर वे नागरिकता हासिल कर सकें। वेबसाइट की रिपोर्ट में आगे है कि भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर चर्चा करके ऐसे भारतीयों को स्वदेश लौटाने पर विचार किया है जिनके पास नागरिकता नहीं है या वैध दस्तोवज नहीं हैं। ऐसे नागरिकों की पहले बाकायदा पहचान की जाएगी, उसके बाद वापसी की व्यवस्था की जाएगी। कहा गया है कि भारत सरकार नहीं चाहती कि अवैध प्रवासियों के इस मामले के कारण भारत से एच-1बी वीसा तथा छात्र वीसा की सहूलियतों पर कोई आंच आए।

अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिका की सरकार ने जो आंकड़े सामने रखे हैं, उनके हिसाब से साल 2023 में एच—1बी वीसा पाने वाले लोगों की संख्या 3,86,000 थी। इन लोगों में भारतीय की संख्या करीब तीन-चौथाई ही है। लेकिन पिछले महीने बनाई गई अवैध प्रवासियों की सूच में आंकड़ा लगभग 15 लाख के आसपास रहा। इनमें 18 हजार भारतीय ऐसे हैं जो बिना कानूनी कागजों के अमेरिका में रह रहे हैं।

अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासियों में भले ही भारतीयों की संख्या बहुत कम है, लेकिन तो भी हैं वे अवैध ही। अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की कुछ संख्या से कहीं ज्यादा संख्या तो लातीनी देशों जैसे मेक्सिको, वेनेजुएला तथा ग्वाटेमाला से आए लोगों की है। इनके सिर पर भी अब अपने देश लौट जाने की तलवार लटकी है। एक समाचार चैनल ने वेनेजुएला सीमा पर अमेरिका में दाखिल होने के इंतजार में तंबुओं में डेरा डाले सैकड़ों वेनेजुएला वालों में से एक बुजुर्ग महिला से बात की तो वह रो पड़ी और कहने लगी कि ‘सारे सपने बिखर गए, अब हम क्या करें? हम तो न वहां के रहे, न यहां के।’

अमेरिका के साल होमलैंड सुरक्षा विभाग की गत वर्ष की रिपोर्ट में एक आंकड़े के हिसाब से साल 2022 तक अमेरिका में लगभग दो लाख बीस हजार भारतीय ऐसे थे जो बिना कानूनी कागजों के वहां रह रहे थे। प्यू रिसर्च सेंटर ने 2022 में जो रिपोर्ट छापी थी उसमें बताया गया था कि अमेरिका में लगभग 10 करोड़ अवैध प्रवासी थे। तब उनमें भारतीयों की संख्या अंदाजन लगभग 7 लाख 25 हजार आंकी गई थी। इसी रिपोर्ट में एक आंकड़ा यह भी था कि अमेरिका में पैदा हुए 16 लाख भारतीय बच्चों को वहां जन्मजात नागरिकता दी गई है।

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