राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकता पर कर दिया कुछ ऐसा कि मच गया हड़कंप

अमेरिका की नागरिकता हासिल करने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले ने मुश्किल खड़ी कर दी है। इसका सीधा असर भारतीयों पर भी पड़ने वाला है।

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Kuldeep singh

अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ ऐसा कर दिया है, जिससे अमेरिका में रह रहे हजारों-लाखों लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ये वो लोग हैं, जो कि इस उम्मीद में वहां रह रहे हैं कि एक दिन इन्हें भी अमेरिकी नागरिकता मिल सकेगी। लेकिन ट्रंप ने एक विवादित फैसला दे दिया है, जिसके तहत अब से अमेरिका में पैदा हुए नॉन अमेरिकी नागरिकों को भी वहां का नागरिक नहीं माना जाएगा। उनके इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है।

मसला क्या है?

ये पूरा घटनाक्रम में अमेरिका की नागरिकता से जुड़ा हुआ है। दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ही उन्होंने नागरिकता के मुद्दे पर नया फैसला लागू करने का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि राष्ट्रपति बनते ही वो एक फैसला लागू करेंगे, जिसके तहत उन लोगों को अमेरिकी नागरिकता से वंचित किया जा सकेगा, जो अमेरिका में पैदा हुए हों, लेकिन विदेशी मूल के नागरिक हों।

अब ट्रंप सरकार ने फैसला किया है कि ऐसे विदेशी मूल के लोग जो कि अमेरिका में रह रहे हों और उनकी संतानें वहां जन्मी हों, तो भी वे उस देश के नागरिक नहीं माने जाएंगे। इसमें एक शर्त ये है कि अगर बच्चे के माता अथवा पिता अमेरिका के नागरिक हुए तो ही उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल सकेगी। 47वें राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है।

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न्यू जर्सी समेत 15 राज्यों ने राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी है। न्यू जर्सी के अटार्नी जनरल मैट प्लैटकिन का कहना है कि राष्ट्रपति के पास व्यापक शक्तियां होती हैं, लेकिन वो शहंशाह तो नहीं। अमेरिकी संविधान के 14 संशोधन का हवाला देते हुए प्लैटकिन समेत प्रवासी अधिकार वकीलों ने इस फैसले को अदालत में चैलेंज कर दिया है। इसके बाद अब गेंद अदालत के पाले में है। अगर वो इस मामले में एक माह के अंदर अपना फैसला सुना देता है तो ठीक, अन्यथा यह 20 फरवरी से प्रभाव में आ जाएगा।

भारतीयों को क्या होगी दिक्कत

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से ऐसे हजारों भारतीय जो अस्थायी वर्क पर्मिट (H1B,L1), डिपेंडेंट वीजा (H4), शार्ट टर्म बिजनेस या पर्यटक (B1, B2), अकादमिक विजिटर वीजा (J1), स्टडी वीजा (F1) वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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