डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में एक बार फिर सत्ता में लौटने के साथ ही उनका दूसरा राष्ट्रपति कार्यकाल शुरू हो गया है। सोमवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया भर से आए मेहमानों के बीच भारत की विशेष उपस्थिति दर्ज की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा गया था। जयशंकर की पहली पंक्ति में मौजूदगी ने यह साफ संदेश दिया कि अमेरिका और भारत के रिश्ते एक नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए तैयार हैं।
एस. जयशंकर न केवल समारोह में शामिल हुए, बल्कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति को साझा करते हुए गर्व व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- “डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वैंस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यहां मैं पीएम नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के तौर पर शामिल हुआ, जो गर्व की बात है।”
इस दौरान जयशंकर ने ट्रंप प्रशासन के कई मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बातचीत की। इसके साथ ही उन्होंने क्वाड देशों की बैठक में भी भाग लिया, जिससे भारत-अमेरिका साझेदारी की मजबूती का संकेत मिला।
डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान की गई मुलाकातों और उनकी मित्रता ने दोनों देशों के संबंधों को एक नई दिशा दी थी। ट्रंप के फिर से सत्ता में लौटने से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार, आतंकवाद विरोधी सहयोग और सामरिक साझेदारी में और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है।
ट्रंप प्रशासन का आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख और “अमेरिका फर्स्ट” की नीति भारत के हितों से मेल खाती है। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मेक्सिको सीमा पर “बॉर्डर इमरजेंसी” घोषित की और सीमा पर दीवार बनाने का निर्णय लिया। ड्रग तस्करों को आतंकवादी घोषित करने का उनका कदम राष्ट्रीय सुरक्षा पर उनके फोकस को दर्शाता है।
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में न केवल राजनीतिक हस्तियां बल्कि वैश्विक कारोबारी और तकनीकी क्षेत्र के बड़े नाम भी मौजूद थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों जो बाइडेन, बराक ओबामा, बिल क्लिंटन, और जॉर्ज बुश ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं, मेटा के मुखिया मार्क जुकरबर्ग, अमेजन के जेफ बेजोस और स्पेसएक्स के एलन मस्क जैसे नामचीन कारोबारी भी समारोह का हिस्सा बने। एलन मस्क काफी उत्साहित नजर आए।
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