प्रयागराज महाकुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह 13 जनवरी, 2025 से शुरू हो चुका है और 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा। यह मेला 12 वर्षों में एक बार संगम के पवित्र तट पर आयोजित होता है, जहां लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के लिए इकट्ठा होते हैं। इस साल भी, देश-विदेश से लाखों लोग इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनने आएंगे।
महाकुंभ मेले के दौरान, ट्रेन यात्रा प्रयागराज तक पहुंचने का सबसे आसान और किफायती तरीका है। प्रयागराज जंक्शन (पहले इलाहाबाद जंक्शन) एक प्रमुख रेलवे हब है, जो भारत के लगभग सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
इन सभी स्टेशनों पर उतरने के बाद, श्रद्धालु ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा के माध्यम से मेला क्षेत्र तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
स्टेशन से सीधे कुंभ मेला स्थल तक पहुंचने के लिए यह एक सुविधाजनक विकल्प है।
महाकुंभ मेले के दृश्य और माहौल का आनंद लेने के लिए पैदल चलना सबसे आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज में ठहरने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।
प्रयागराज जंक्शन के पास 50 से अधिक होटल हैं, जहाँ से मेला स्थल तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा पूरे जिले में कुल 204 गेस्ट हाउस हैं।
संगम के आसपास 3,000 बेड के रैन बसेरे बनाए गए हैं। पूरे शहर में 90 धर्मशालाएं हैं, जहाँ कुंभ के दौरान ठहरने की उचित व्यवस्था होगी।
संगम के आसपास कई घरों को पीजी हाउस में बदला गया है। पर्यटन विभाग ने इनको लाइसेंस और ट्रेनिंग दी है। यह एक सुरक्षित और किफायती विकल्प है।
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