TikTok चीनी वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म आखिरकार अमेरिका में बैन हो गया है। इस प्लेटफॉर्म पर लंबे समय से इस्लामी कट्टरता फैलाने का आरोप लगता रहा है। इसी ध्यान में रखते हुए अमेरिकी कोर्ट ने देश के अंदर टिकटोक के संचालन पर रोक लगा दी। अब अमेरिका में टिकटोक बैन कानून लागू हो चुका है।
बैन होने के बाद से अमेरिकी समय रात 10:50 बजे से ऐपल और गूगल के ऐप स्टोर से इसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। शनिवार को जब यूजर ने टिकटोक ऐप को खोला तो उन्हें एक पॉपअप मैसेज कंपनी की ओर से मिला औऱ वीडियो चलना बंद हो गया। इसमें कहा गया कि अमेरिका में टिकटोक पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून बन गया है। दुर्भाग्य से इसका अर्थ ये है कि अब से आप टिकटोक का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि शपथ लेने के बाद वह इसे फिर से बहाल करने को लेकर काम करेंगे।
इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे और डिप्टी अटार्नी जनरल लिसा मोनाको ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अब से इस कानून को किस प्रकार से लागू किया जाना है, इसे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को फैसला लेना है। क्योंकि 20 जनवरी को ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले हैं।
इससे पहले अमेरिकी सरकार ने टिकटोक को बैन से बचने के लिए ऑफर दिया था कि टिकटोक की पैरेंट चीनी कंपनी बाइटडांस अपनी हिस्सेदारी अमेरिका को बेच दे। ऐसा नहीं करने पर उसे बैन के लिए तैयार रहना चाहिए। लेकिन, बाइटडांस ने टिकटोक के अमेरिकी प्लेटफॉर्म को हिस्सेदारी बेचने की जगह बाइटडांस कोर्ट चली गई। हालांकि, वहां उसकी हार हुई। इसके बाद अब उसे बैन कर दिया गया है।
टिकटोक के जरिए अमेरिका में फैलाया जा रहा इस्लामिक कट्टरपंथ
गौरतलब है कि टिकटोक पर अमेरिका में इस्लामिक कट्टरता को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। इजरायल और हमास युद्ध के दौरान टिकटोक ने अमेरिका में जानबूझकर ऐसे कंटेंट को बढ़ावा दे रहा था, जिसके जरिए लोगों का ब्रेनवॉश किया जा सके। इसको लेकर जो बाइडेन प्रशासन ने चिंता भी जाहिर की थी। बहरहाल अब से टिकटोक के युग का अमेरिका में अंत हो गया है।
उल्लेखनीय है कि टिकटोक की इन्हीं हरकतों को देखते हुए प्रो एक्टिव भारत सरकार ने भारत में इसे 2020 में ही बैन कर दिया था।
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