France: फिर उठी पादरी पियरे पर उंगली, यौन शोषण के नए आरोपों ने Church को न्यायिक जांच की मांग के लिए किया मजबूर
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France: फिर उठी पादरी पियरे पर उंगली, यौन शोषण के नए आरोपों ने Church को न्यायिक जांच की मांग के लिए किया मजबूर

फ्रांसीसी पादरी पियरे पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। आरोप लगाने वाली अनेक महिलाओं में से एक तो कथित घटना के समय नाबालिग थी

by WEB DESK
Jan 18, 2025, 12:18 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
पादरी एब्बे पियरे

पादरी एब्बे पियरे

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हेनरी ग्रूएस के नाते जन्मे फ्रांसीसी चर्च के पादरी एब्बे पियरे को गरीबों के बीच काम करने वाला माना जाता था, उन्होंने चर्च के तहत ‘एम्मास’ नाम से एक अभियान खड़ा किया था। ‘एम्मास’ बेघरों और समाज से कटे रहने वालों के लिए मदद की गुहार लगाने वाला अभियान है। लेकिन पिछले लंबे समय से पियरे की कारगुजारियों पर और उनके बाद इस ​अभियान को चलाने वालों पर आरोप बढ़ते जा रहे हैं।


फ्रांस में एक बार फिर चर्च के पादरियों के यौन शोषण का मामला उबाल पर है। नए आरोपों के सामने आने के बाद चर्च की ओर ईसाई आस्थावानों की उठती उंगलियों से चर्च कठघरे में है। बचने का कोई रास्ता न देख, चर्च सिधार चुके अपने एक पादरी पर लगे नए आरोपों की न्यायिक जांच कराने की मांग करने को मजबूर हुआ है।

फ्रांसीसी बिशप्स कॉन्फ्रेंस (सीईएफ) के अध्यक्ष आर्चबिशप एरिक डी मौलिंस-ब्यूफोर्ट ने इस बारे में अपने वक्तव्य में कहा कि सच क्या है, इसकी तह तक जाने की जरूरत है। चर्च ने अब औपचारिक रूप से अनुरोध किया है कि पादरी एब्बे पियरे के विरुद्ध जांच शुरू की जाए और पता लगाया जाए कि पियरे पर लगे आरोप कितने गंभीर हैं और कितने सत्य हैं। पियरे चर्च के वही वरिष्ठ पादरी थे जो अपनी ‘मानवतावादी’ दृष्टि के लिए जाने जाते थे। साल 2007 में उनकी मृत्यु हो चुकी है। लेकिन अब उनके विरुद्ध यौन शोषण के कुछ ऐसे नए खुलासे हुए हैं कि चर्च उक्त वक्तव्य देने का बाध्य हो गया था।

Representational Image

फ्रांसीसी बिशप्स कॉन्फ्रेंस (सीईएफ) के अध्यक्ष आर्चबिशप एरिक ने यह भी कहा है कि यौन अपराधों के ऐसे अनेक पीड़ित, सहयोगी रहे होंगे जो अभी तक सामने नहीं आए हैं। जांच के माध्यम से उनका पता लगाना होगा और यह भी कि गलती हुई तो आखिर कैसे।

हेनरी ग्रूएस के नाते जन्मे फ्रांसीसी चर्च के पादरी एब्बे पियरे को गरीबों के बीच काम करने वाला माना जाता था, उन्होंने चर्च के तहत ‘एम्मास’ नाम से एक अभियान खड़ा किया था। ‘एम्मास’ बेघरों और समाज से कटे रहने वालों के लिए मदद की गुहार लगाने वाला अभियान है। लेकिन पिछले लंबे समय से पियरे की कारगुजारियों पर और उनके बाद इस ​अभियान को चलाने वालों पर आरोप बढ़ते जा रहे हैं।

‘एम्मास’ ने अपने कामों को लेकर जो रिपोर्ट प्रकाशित की है उससे पता चला कि एक युवा लड़के के साथ यौनाचार किया गया। इतना ही नहीं, नौ नए आरोप भी सामने आए जो यौन हिंसा से जुड़े हैं। नए खुलासों के सामने आने पर चर्च पर नए सिरे से उंगलियां उठने लगीं। इसी से फिर आगे बात खुली कि 1960 के दशक से लेकर 2000 तक ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं के प्रकाश में पादरी पियरे के विरुद्ध 33 गवाह और ऐसे 57 लोगों की पहचान हुई है जो शायद यौन शोषण के शिकार बने थे।

फ्रांसीसी बिशप्स कॉन्फ्रेंस (सीईएफ) के अध्यक्ष आर्चबिशप एरिक डी मौलिंस-ब्यूफोर्ट

फ्रांसीसी बिशपों के संगठन सीईएफ ने कल जारी किए अपने बयान भी यह माना कि आरोप गंभीर हैं। संगठन ने यह भी माना कि अब तक वे इस मामले में विफल रहे थे। इसी के चलते संगठन जांच के माध्यम से जानना चाहता है कि गलती कहां हुई और कि क्या ऐसे मामलों पर चुप्पी बरती गई थी। इसके लिए लिए न्यायिक जांच और कार्रवाई जरूरी मानी गई है। संगठन को लगता है कि न्यायिक जांच से तथ्य सामने आ सकते हैं जिनसे पादरी पियरे पर लगे आरोप शायद गलत साबित हो सकते हैं।

आर्चबिशप डी मौलिन्स-ब्यूफोर्ट ने यह खुलासा भी किया कि कैथोलिक चर्च के नेतृत्व को 1950 के दशक की शुरुआत में ही पदारी एब्बे पियरे पर लगे गंभीर आरोपों के बारे में पता चलस था। उनका कहना है कि 1955 से 1957 के बीच यौन अपराधों की कुछ घटनाओं ने चिंता बढ़ाई थी। इसके बाद पियरे को स्विट्जरलैंड के एक क्लिनिक में भेजने की कोशिश की गई, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ।

फ्रांसीसी पादरी पियरे पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। ‘एम्मास’ तथा फाउंडेशन एब्बे पियरे ने कहा है कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने को अपने समर्पण के लिए प्रसिद्ध एक मृत फ्रांसीसी पादरी पर मरणोपरांत यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। आरोप लगाने वाली अनेक महिलाओं में से एक तो कथित घटना के समय नाबालिग थी। साल 2007 में पियरे 94 वर्ष की आयु पूर्ण करके सिधारे थे।

‘एम्मास’ ने कहा, सात महिलाओं की गवाहियां ऐसे व्यवहार की पुष्टि करती है जिसे यौन हमला या यौन उत्पीड़न कहा जा सकता है। कैथोलिक बिशपों के संगठन ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा है कि “यह गहन करुणा और शर्म की बात है कि एक पादरी ऐस कृत्य कर सकता है।”

अपनी मृत्यु के लगभग 17 साल बाद भी पादरी पियरे की दाढ़ी वाले दुबले पतले चेहरे की तस्वीरें चैरिटी की दुकानों और मेट्रो स्टेशनों पर पोस्टरों में प्रमुखता से देखी जा सकती हैं। ये पोस्टर फ्रांसीसी नागरिकों का आह्वान करते हैं कि वे गरीबों के बारे में सोचें और उनकी मदद करें।

1949 में पादरी पियरे ने ही ‘एम्मास’ समुदाय की स्थापना की थी, जो बेघर, बहिष्कृत लोगों की सहायता का आह्वान करता है। यह अभियान आज दर्जनों देशों तक पहुंच बना चुका है।

Topics: churchफ्रांसFranceपादरी पियरेsex allegationsfather abbe pierreemmauscatholic bishopsचर्च
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