फ्रांस से शरणार्थियों को लेकर एक बहुत ही चौंकाने वाली खबर आ रही है। फ्रांस का एक थिएटर जिसे बहुत ही कट्टर शो और प्रदर्शनियों के लिए जाना जाता है, वहाँ पर 250 शरणार्थियों ने कब्जा कर लिया है, ये वे शरणार्थी थे, जिन्हें एक मुफ़्त ईवेंट के लिए पाँच सप्ताह पहले भीतर लिया गया था।
पेरिस में गेते लिरिक ने रेफ्यूजी का स्वागत करने के लिए 10 दिसंबर को एक कान्फ्रन्स का आयोजन किया गया था। इस कान्फ्रन्स में टॉप यूनिवर्सिटीज और रेड क्रॉस अधिकारियों ने शिरकत की थी और उन्होनें शरणार्थियों का स्वागत करने वाली गतिविधियां देखी थीं।
डेली मेल के अनुसार जब कान्फ्रन्स समाप्त हुई तो भी उन शरणार्थियों ने थिएटर से जाने से इनकार कर दिया और वे तब से वहीं पर टिके हुए हैं। ये शरणार्थी उन दक्षिण अफ्रीकी देशों से हैं, जो फ्रांस की पहले उपनिवेश रह चुकी हैं। और उन्होनें उस थिएटर से जाने से इनकार कर दिया।
अब हाल यह है कि दिसंबर से लेकर अभी तक वहाँ पर कोई भी शो नहीं हुए हैं, और कोई भी शो न होने के कारण उसकी माली हालत भी खस्ता हो गई है।
वहीं सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है। अब वहाँ पर लगभग 300 लोग जबरन टिके हुए हैं। थिएटर के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि जिन लोगों ने वहाँ पर कब्जा कर रखा है, उनके लिए सरकार को घर की व्यवस्था करनी चाहिए।
उनका यह भी कहना है कि यह ठीक है कि लोगों ने जबरन कब्जा कर रखा है, मगर फिर भी वे लोग उन्हें भरी सर्दियों में बाहर नहीं फेंक सकते हैं। डेली मेल पर तस्वीरें हैं, उनमें दिख रहा है कि कैसे थिएटर में लोग कब्जा किये हुए हैं। वे कहीं भी सो रहे हैं। कैफेटेरिया में खा रहे हैं, सो रहे हैं।
इस इमारत का स्वामित्व पेरिस की स्थानीय काउंसिल के हाथों में है और वह समाजवाद द्वारा संचालित हो रही है। उसका कहना है कि वे लोग शरणार्थियों के लिए आवास देख तो रहे हैं, मगर उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। उनका यह भी कहना है कि सरकार ने इनके लिए आवास के अनुरोध को ठुकरा दिया है। थिएटर के प्रवक्ता का कहना है कि थिएटर को अभी तक कई हजार यूरो का नुकसान हो चुका है।
थिएटर 70% टिकट की बिक्री और 30% सब्सिडी मोडेल पर चलता है, और यह व्यवस्था पूरी तरह से ढह चुकी है। इतना ही नहीं थिएटर के कारण चलने वाले अन्य व्यापार भी ठप्प हो गए हैं। आस पास के खाने पीने के बिन्दु भी पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं। एक अल्जीरिया की प्रवासी नागरिक जो वहाँ की मैनेजर है, उसने बताया कि जो लोग थिएटर में हैं, वे मेरे छत और स्मोकिंग पॉइंट्स पर आते हैं और एक डोसोरे से झगड़ा करते हैं। और थिएटर प्रेमियों को इन लोगों ने डरा धमका कर भगा दिया है।
हालांकि यह कहा जा रहा है कि जिन्होनें शरण ली है, वे 18 वर्ष से कम उम्र के हैं, मगर सरकारी अधिकारियों का यह दावा है कि वे वयस्क हैं। इस पर जिस समूह अर्थात Collectif des Jeunes du Parc de Belleville ने यह कब्जा करवाया है, उसने उम्र की जांच को “नस्लवादी और शोषण करने वाला” बताया है।
इस अवैध कब्जे को लेकर आम जनता आक्रोशित है और वह वहाँ पर लगातार प्रदर्शन कर रही है। मगर यह कितनी हैरान करने वाली बात है कि जनता अपने देश में अपनी ही जगह पर कब्जा करने वाले अवैध लोगों को भगाने के लिए सड़कों पर है।
जब यह खबर सोशल मीडिया पर आई तो लोगों ने चटखारे लेते हुए कहा कि यह सही हो रहा है।
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