मध्य प्रदेश

महाकुंभ 2025 : भक्तिमति शबरी लीला और लोक नृत्यों ने मध्य प्रदेश सांस्कृतिक संध्या में बिखेरी छटा

मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा महाकुंभ 2025 में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में भक्तिमति शबरी की लीला, गुदुम बाजा नृत्य और श्रीराम के 36 गुणों की प्रदर्शनी ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।

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WEB DESK

मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग के सेक्टर 7 कैलाशपुरी मार्ग पूर्वी पटरी पर आयोजित पण्डाल में अयोजित सांस्कृतिक संध्या के तीसरे दिन देश-विदेश से पधारे श्रद्धालुओं ने ग्वालियर की वीमेंस संस्था द्वारा भक्तिमति शबरी पर आधारित ‘लीला नाट्य’ को बहुत सराहा। गीतांजलि गिरिवाल के निर्देशन में 40 कलाकरों द्वारा मंचित भीलनी शबरी की भक्ति की शक्ति को अत्यन्त भावपूर्ण ढंग से मंचित किया गया। जयन्त विश्वकर्मा एव दल का आल्हा गायन भी अत्यंत प्रभावी था।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा महाकुंभ के सेक्टर 7 स्थित पंडाल में मनोहारी कार्यक्रमों  का आयोजन हो रहा है। यहां श्रीराम के 36 गुणों पर आधारित प्रदर्शनी को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रीराम के शत्रुनाशक, महाबली पुरम,  रणनीतिज्ञ, कृतज्ञ, नीतिनिर्धारक एवं धर्मरक्षक आदि विविध गुणों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत भक्तिमति शबरी का लीला मंचन, ज्ञान सिंह शाक्य के ग्रुप द्वारा गंगा वंदना, रीवा के मनोभावना सिंह की गणेश वंदना, डिंडोरी के मायाराम धुर्वे एवं दल का गुदुम बाजा लोकनृत्य की मनोहारी प्रस्तुति हुई। वहीं एलईडी प्रकाश के माध्यम से वैदिक गणित के महत्व का प्रदर्शन श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय रहा।

जनजातीय बाद्य यंत्रों शहनाई, टफला, टिकी, मजीरा आदि वाद्य यंत्रों की मधुरिम ताल पर डिण्डौरी की धूलिया जनजाति का गुदुम बाजा नृत्य, भिण्ड के ज्ञानसिंह शाक्य दल का भगवान राम को समर्पित लांगुरिया नृत्य, मॉगलिक अवसरों पर होने वाला बुन्देलखण्ड का बधाई नृत्य ‘जन्म लिहिन रघुरड्या बजे बधाइयां तथा होली गीत ‘सिर बंधे मुकुट खेले होली’ नृत्य की प्रस्तुतियों ने मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा ‘लोक पर्व’ के अन्तर्गत आयोजित सांस्कृतिक संध्या को रसमयी बना दिया।

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