ग्रूमिंग गैंग्स की सच्चाई उजागर करने वालों पर ब्रिटिश पुलिस की कार्रवाई : ‘सवालों के घेरे में न्याय’

ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स की भयावह सच्चाई सामने लाने वाली सैमी वुडहाउस और अन्य पीड़िताओं को अब पुलिस के नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। सरकार और पुलिस अपराधियों के बजाय आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई कर रही है।

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SHIVAM DIXIT

ग्रूमिंग गैंग्स की रोज ही नई कहानियाँ सामने आ रही हैं और यह भी निकलकर आ रहा है कि कैसे राजनीति के नाम पर अपराधियों को मासूम लड़कियों को निशाना बनाने दिया गया और यह सिलसिला लगातार चलता रहा। दशकों के बाद जब इसका वीभत्स रूप सामने निकलकर आया है तो ब्रिटेन की कीर स्टार्मर की सरकार अपराध की तह में जाने के स्थान पर उन्हें पीड़ित कर रही है या उन पर कानूनी शिकंजा कस रही है, जो इस अपराध की भयावहता को सामने ला रहे हैं।

ग्रूमिंग गैंग की ही एक पीड़िता SAMMY woodhouse (सैमी वुडहाउस) भी इन दिनों अपने जीवन की उस काली अवधि को लेकर बहुत मुखर हैं। हालांकि वे पहले भी काफी मुखर थी और उन्होनें अपने जीवन पर एक डाक्यमेन्ट्री भी बनाई है और अपनी जैसी लड़कियों पर पुस्तक भी लिखी है।

सैमी भी इसी ग्रूमिंग गैंग की पीड़िता रही हैं। वह भी रोथेरहम की उन कहानियों में से एक कहानी हैं, जिन्हें नकारने का प्रयास किया जा रहा है। जब वह 14 साल की थीं, तो उन्हें अरशद हुसैन नामक आदमी ने ग्रूम करना शुरू कर दिया। अरशद की उम्र 24 साक की थी और वह दो बच्चों का बाप भी था। सैमी के साथ उसने जल्दी ही बलात्कार करना शुरू कर दिया और वह अपराधी भी था। उसकी पुलिस अधिकारियों से सांठगांठ थी। सैमी के अनुसार पुलिस ने सैमी को उन अपराधों का आरोपी बनाया, जो वह और अरशद मिलकर करते थे।

गार्डीअन में सैमी ने यह बताया है कि कैसे उसके मातापिता उसे खोजने के लिए निकलते थे और वह उनसे छिप जाती थी। अरशद ने उसके दिमाग में यह भर दिया था कि उसकी मातापिता नस्लीय आधार पर अरशद से घृणा करते हैं। सैमी कहती हैं कि वह उसकी कैदी हो गई थीं। मात्र चौदह साल की उम्र में वह गर्भवती हो गई थी और वह अपना बच्चा रखना चाहती थीं। मगर चूंकि उसके मातापिता ने कहा कि वे बच्चे के पैदा होने के बाद यह जांच कराएंगे कि उसका पिता कौन है और सजा दिलाएंगे तो सैमी ने गर्भपात करा दिया।

उसे सोशल सर्विस में भी भेजा गया, मगर वहाँ से भी निराशा हाथ लगी। सैमी को एक पीड़िता नहीं बल्कि अरशद की रखैल के रूप में पुलिस द्वारा देखा जाता था, जो उसके हर अपराध में सहभागी थी। एक दिन जब पुलिस अरशद को पकड़ने आई तो वे लोग बेड पर थे और पुलिस ने सैमी को गिरफ्तार किया क्योंकि सैमी के पास से वह हथियार मिला, जो अरशद ने उसे दिया था।

सैमी कहती हैं कि ऐसा लगता था कि जैसे पुलिस को यह परवाह ही नहीं थी कि आखिर उनके सामने हो क्या रहा है? वे कहती हैं कि पुलिस ने कई बार उसकी कार की जांच की कि कहीं ड्रग आदि तो नहीं हैं, मगर फिर भी वह उसकी पैसेंजर सीट पर एक डरी हुई किशोरी को नहीं देख पाए?

सैमी कहती हैं कि “अगर कोई पुलिस वाला यह न भांप पाए कि एक 24 वर्षीय आदमी और 14 साल की लड़की के बीच जुड़ाव कुछ न कुछ तो गलत है तो वह गलत पेशे में है। मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ अलग कारण थे। मुझे लगता है कि चूँकि वे पाकिस्तानी मुसलमान थे, इसलिए पुलिस को नस्लवादी कहलाने का डर था।”

वे कहती हैं कि उन जैसी लड़कियों को वैश्या और छोटी अपराधी कहा जाता था।

जब वर्ष 2010 में अरशद को किसी हिंसक अपराध के लिए जेल भेजा गया, तब सैमी को उससे छुटकारा मिला, वह उस समय 15 साल की थीं और फिर घर वापस गईं। वह गर्भवती थीं, और फिर सैमी के बेटा पैदा हुआ। बेटे के जन्म के बाद सैमी ने हालांकि सारे संबंध अरशद से तोड़ लिए थे, मगर उनकी प्रताड़ना जारी रही। जब उन्होनें पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने उल्टा उन्हें ही डांटते हुए कहा कि क्या एक बाप अपने बेटे से मिल भी नहीं सकता?

सैमी सोशल मीडिया पर काफी समय से इस गिरोह के बारे में लिख रही थीं और वे मुखर भी थीं और हैं, मगर अब उन्हें अपनी कहानी बताने पर पुलिस का नोटिस मिल रहा है। जब एलन मस्क ने यह मुद्दा उठाया और सैमी ने भी अपनी कहानी फिर से बताई तो साउथ यॉर्कशायर की पुलिस ने उनसे कहा कि वह रोथेरहम प्रोफेशनल की सारी रिपोर्ट और फ़ोटो अपने प्रोफ़ाइल से डिलीट कर दें।

सैमी ही एकमात्र ऐसी नहीं हैं, जिन्हें पुलिस ने शांत कराने का प्रयास किया हो। पिछले दिनों वेल्स की रेफ्यूजी काउंसिल का एक विज्ञापन चर्चा में आया था जिसमें श्वेत किशोरियाँ रेफ्यूजी अर्थात शरणार्थियों को वेल्स की विशेषताओं के विषय में बता रही थीं। लोगों ने इस विज्ञापन का विरोध किया था और इसे एलन मस्क ने भी पोस्ट किया था।

मगर इसे रीपोस्ट करने वाले एक व्यक्ति ने दावा किया कि उनकी जांच साउथ वेल्स पुलिस कर रही है। क्योंकि उसने एलन मस्क का वह पोस्ट दोबारा पोस्ट किया था, जिसमें वेल्श रिफ्यूजी काउंसिल वेल्स में बसने के इच्छुक प्रवासियों को लुभाने के लिए छोटी लड़कियों का इस्तेमाल कर रही है।

ऐसे कई लोगों के पास पुलिस के नोटिस आ रहे हैं, जो इस ग्रूमिंग गैंग के बारे में बात कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस और सरकार अपराधियों के स्थान पर अपराध के विषय में आवाज उठाने वालों पर शिकंजा कस रही है और यह पागलपन है।

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